बिहार में सत्ताधारी गठबंधन की साझीदार पार्टी कांग्रेस के एक विधायक विनय वर्मा पर केस दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने राज्य में शराबबंदी के बावजूद शराब पिलाने की पेशकश की। टीवी चैनल ‘आज तक’ ने एक स्टिंग में उन्हें शराब पिलाने की पेशकश करते दिखाया था। यह स्टिंग चैनल पर आने के बाद नरकटियागंज के विधायक विनय वर्मा के शिकारपुर (पश्चिमी चंपारण) और पाटलिपुत्र (पटना) स्थित घरों पर छापे भी मारे गए थे। छापे में उनके घर से शराब की कोई बोतल नहीं मिली।
वर्मा ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, ‘मैं शाकाहारी हूं और शराब को हाथ भी नहीं लगाता। मैंने किसी को अपने घर पर शराब पिलाने की पेशकश नहीं की। मैं केवल यह कह रहा था कि नेपाल सीमा पर अभी भी शराब आसानी से मिल जाती है। अनौपचारिक बातचीत में मुझे फंसा दिया गया। मैं मानहानि का मुकदमा दायर करने पर भी विचार कर रहा हूं।’ विधायक ने यह भी पूछा कि जो लोग बिहार में शराब पी रहे हैं, उन पर केस दर्ज क्यों नहीं हो रहे?
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विनय वर्मा पर बिहार आबकारी(संसोधन) एक्ट 2016 के तहत मामला दर्ज किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने बिहार में प्रतिबंध के बावजूद अपने घर पर शराब पिलाने का प्रस्ताव दिया। आबकारी विभाग ने विधायक के शिकारपुर और पाटलीपुत्र स्थित घर पर छापा भी मारा। हालांकि यहां पर शराब नहीं मिली। इस बारे में बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बताया,’हमने वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यदि वे निर्दोष हैं तो इसे साबित करे।’ उन्होंने कहा कि इस मामले से कांग्रेस केा किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है।
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मामले के बारे में कानूनी जानकारों का कहना है कि पुलिस का केस मजबूत नहीं है। पटना हाईकोर्ट के एक वकील ने बताया,’न तो कोई बोतल दिखाई दी और न ही विधायक शराब परोसते दिखे हैं। इसलिए मामले को साबित करना मुश्किल होगा।’ इसके अलावा आबकारी विभाग को विधायक के घर से भी कुछ नहीं मिला है तो मामला और कमजोर हो गया है।
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