भारत-चीन सीमा पर दोनों मुल्कों के बीच जारी तनातनी के बीच चीन लगातार भारत पर दबाव बना रहा था कि वो चुशूल को खाली करे। अब भारत ने चीन को सख्त लहजे में कह दिया है कि चीन, पैंगॉन्ग से PLA को हटा ले।

सूत्रों के मुताबिक भारत इस बात पर अड़ा हुआ है कि पैंगॉन्ग झील के नॉर्थ से चीन अपनी सेना को हटाए। भारत का कहना है कि यहां चीनी सैनिक उन इलाकों को पार कर अंदर घुस गए जिसे भारत लाइन ऑफ कंट्रोल मानता है। चीन को उसी की शैली में जवाब देने के लिए भारत ने भी 7 जगहों अहम पोजीशन ले लिया है।

‘The Indian Express’ की खबर के मुताबिक सूत्रों ने कहा है कि ‘हम साथ स्थानों पर आगे बढ़ गए हैं…आप ऐसा क्यों सोच रहे हैं कि चीन अभी भी बातचीत के टेबल पर है? भारत ने जब से 7 अहम जगहों पर पोजीशन ली है तब से ही चीन वहां से भारत को हट जाने के लिए कह रहा है। पैंगॉन्ग टीएसओ के पास भारत ने फिलहाल जो स्थिति पकड़ी है उससे वो ना सिर्फ Spanggur Gap में मजबूत स्थिति में है बल्कि चीनी सेना के गढ़ Moldo में भी भारत ने अपनी स्थित मजबूर कर ली है।

हालिया बातचीत के दौरान चीन ने कहा है कि वो चाहता है कि भारत ने साउथ में जो पोजीशन ले ली है उसे छोड़कर वो पीछे हट जाए। जबकि भारत का कहना है कि वो दोनों ही सेना को एक साथ पीछे हट जाना चाहिए। मई से लेकर अब तक भारत और चीन के बीच सात बार कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है। भारत चाहता है कि चीन अपने सैनिकों को पैंगॉन्ग से पीछे हटाए क्योंकि चीन ने यहां एलएसी को पार किया है।

सूत्रों के मुताबिक भारत औऱ चीन के रक्षा औऱ विदेश मंत्रालय के बीच जो बातचीत अब तक हुई है उसमें दोनों ही देश बॉर्डर पर शांति बनाए रखने के लिए राजी हुए हैं। लेकिन इस बातचीत में चीन यह बताने में नाकाम रहा है कि आखिर क्यों वो बॉर्डर पर सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है।

भारत ने साफ किया है कि चीन पर विश्वास करना मुश्किल है। इसलिए हमने हर स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की है। लद्दाख की सीमा पर डटे भारतीय जवानों के लिए हर सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

भारत औऱ चीन के बीच सात राउंड की हुई बातचीत के बाद दोनों तरफ से जो संयुक्त बयान जारी किया गया था उसमें कहा गया था कि ‘दोनों पक्ष इस बात पर राजी हुए हैं कि मिलिट्री और डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए बातचीत जारी रहेगी और उम्मीद है जल्दी ही हम एक बातचीत के जरिए इसका हल निकाल लेंगे।’