जब से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल गए हैं, उसके बाद से ही आम आदमी पार्टी (AAP) मुश्किलों का सामना कर रही है। वहीं अब आम आदमी पार्टी को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगने का डर सता रहा है। दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिख दिया, जिसके बाद राष्ट्रपति शासन का जिक्र तेज हो गया।

एलजी ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर दिल्ली की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया है। उन्होंने अपने पत्र में दिल्ली सरकार के मंत्रियों पर आरोप लगाया कि वह बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर रहे हैं। उप राज्यपाल ने जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और वन विभाग से संबंधित दिल्ली सरकार के मंत्रियों की बैठक बुलाने का निर्णय लिया था। लेकिन मंत्रियों ने चुनावी आचार संहिता का हवाला देते हुए बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया।

उपराज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा की वह इसलिए बैठक बुला रहे हैं ताकि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की वजह से शासन के नियमित कार्यों में कोई बाधा न आए। वहीं एलजी के पत्र पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि लोग एलजी को संविधान समझना चाहिए। वह पानी, स्वास्थ्य, पर्यावरण का जिक्र कर रहे हैं जो चुनी हुई सरकार का विषय है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी को मंत्रियों की बैठक बुलाने का अधिकार ही नहीं है।

आम आदमी पार्टी के विधायक का बड़ा दावा

इस बीच आम आदमी पार्टी के विधायक मदनलाल ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में भाजपा राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है। मदनलाल ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी को डराया जा रहा है और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करने की अफवाह फैलाई जा रही है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने कहा था कि जेल से ही सरकार चलेगी। वहीं उप राज्यपाल ने कहा था कि जेल से सरकार नहीं चलाई जा सकती।