राजद प्रमुख लालू प्रसाद की जमानत याचिका झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। 12 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की जमानत अर्जी पर सुनवाई टाल दी गई थी। अदालत की तरफ से अगली तारीख 19 फरवरी तय की गयी थी। सजा की आधी अवधि काट लेने के आधार पर लालू प्रसाद की तरफ से जमानत देने का आग्रह कोर्ट से किया गया था। हालांकि अदालत ने कहा कि अभी आधी सजा पूरी होने में दो महीने का वक्त बाकी है इस कारण उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है।
करीब चार घंटे तक सुनवाई करने के बाद जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने माना कि लालू प्रसाद की आधी सजा पूरी होने में अभी वक्त है। याचिका खारिज होने के बाद अब 2 महीना बाद ही लालू प्रसाद अदालत में जमानत को लेकर अर्जी दे सकते हैं।बता दें कि लालू प्रसाद चारा घोटाले के पांच विभिन्न मामलों में आरोपी हैं और जिनमें से चार में उन्हें सजा मिल चुकी है। इन चार मामलों में तीन में उन्हें हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
दिसंबर 2017 से हैं जेल में
बताते चलें कि राजद प्रमुख दिसंबर 2017 से जल की सजा काट रहे हैं। उन्हें IPC के तहत 7 वर्षों और भ्रष्टाचार-रोधी एक्ट के तहत 7 साल की सजा सुनाई गयी थी। जिसके बाद से वो रांची के जेल में बंद हैं। अदालत में लालू प्रसाद की तरफ से कपिल सिब्बल और सीबीआई की तरफ से राजीव सिन्हा ने पक्ष रखा।
राजद समर्थक हुए निराश
लालू प्रसाद के समर्थकों को आज जमानत मिलने की उम्मीद थी। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि आज उम्मीद है कि राहत मिल जाएगी। पटना में समर्थकों की भीड़ राबड़ी आवास के बाहर देखने को मिल रही थी लेकिन अदालत की तरफ से याचिका खारिज होने के बाद समर्थकों में निराशा देखी गयी।
जमानत के लिए तेजप्रताप यादव ने राष्ट्रपति से लगाई थी गुहार
हाल ही में लालू प्रसाद के बेटे तेजप्रताप यादव ने उन्हें जेल से रिहा करने की मांग को लेकर 50,000 आजादी पत्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजा था। बिहार की राजधानी पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए तेजप्रताप यादव ने कहा था कि हम यह पत्र लालू प्रसाद यादव के चाहने वालों से इकट्ठा कर रहे हैं। जब तक वो रिहा नहीं हो जाते हैं तब तक यह कैंपेन जारी रहेगा।