गठबंधन तैयार करने की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की कोशिशों पर चुटकी लेते हुए भाजपा ने आरोप लगाया कि दोनों नेता ‘‘एक दूसरे को दगा देने का इंतजार’’ कर रहे हैं और उनका एक साथ आना कुछ और नहीं, बल्कि भगवा पार्टी से उनके डर का नतीजा है।

वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘दोनों विलय और गठबंधन के बारे में एक दूसरे से बड़ी मीठी मीठी बातें करते हैं, लेकिन अपने हाथों में खंजर रखे हैं। दोनों वास्तव में एक-दूसरे की पीठ में खंजर भोंकने के लिए तैयार हैं। वे बस एक दूसरे को दगा देने का इंतजार कर रहे हैं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘गठबंधन की उनकी कोशिशें कुछ नहीं, बस अपने विपक्ष (भाजपा) से उनके डर का परिणाम है। वे हमसे डरे हैं, इसलिए एकसाथ आ रहे हैं।’’

भाजपा नेता ने कहा कि एक दूसरे के प्रति कुमार और प्रसाद में इतना अविश्वास है कि ‘‘कुमार ने गठबंधन के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी।’’

मोदी ने कहा, ‘‘कुमार अब बसपा नेता मायावती से बातें कर रहे हैं। चाहे भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) या कांग्रेस हो, उन्हें किसी भी पार्टी से बातें करने दें। जनता राज्य में सरकार परिवर्तन के लिए अब दिमाग बना चुकी है।’’

भाजपा नेता ने अपने छह सेवारत और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों को भ्रष्टाचार निरोधी शाखा (एसीबी) के साथ काम करने के लिए दिल्ली भेजने पर भी राज्य सरकार की आलोचना की।

बिहार: मुख्यमंत्री पद को लेकर जदयू और राजद में रार

मोदी ने कहा, ‘‘बिहार में सतर्कता जांच ब्यूरो, विशेष सतर्कता इकाई और इसी तरह के निकायों में अधिकारियों की कमी के चलते भ्रष्टाचार निरोधी प्रयास शिथिल पड़ गए हैं। सरकारी अधिकारियों की आय से ज्यादा संपत्ति के मामलों में कोई प्रगति नहीं हो रही है।’’

भाजपा नेता ने कहा कि कुमार को बताना चाहिए कि राजग से नाता तोड़ने के बाद आय से ज्यादा संपत्ति के कितने मामले प्रकाश में आए और भ्रष्ट तरीके से निर्मित भवनों में कितने स्कूल खोले गए।

मोदी ने कहा कि राज्य सरकार करोड़ों रुपये के दवा घोटाले की जांच शुरू करने से ‘‘कतरा’’ रही है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में उसकी कम रुचि होना दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अगला विधानसभा चुनाव जद (यू), राजद और कांग्रेस के ‘‘जांचे, परखे और विफल’’ नेताओं और भाजपा, लोजपा एवं आरएलएसपी के ‘‘जांचे और परखे’’ नेताओं के बीच होगा।

बहरहाल, मोदी इस सवाल का जवाब देने से कतरा गए कि क्यों भाजपा बिहार के लिए मुख्यमंत्री पद के अपने उम्मीदवार की घोषणा क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘वक्त आने पर कर दिया जाएगा।’’