Maldives Controversy: लक्षद्वीप और मालदीव को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप जाने और वहां की खूबसूरत फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने के बाद मालदीव के कुछ नेताओं को मिर्ची लग गई। उन्होंने भारत के खिलाफ कमेंटबाजी शुरू कर दी। विवाद के बाद EaseMyTrip ने बड़ा फैसला लेते हुए मालदीव की सारी टिकट कैंसिल कर दीं। वहीं मालदीव को अपने ही घर में वरिष्ठ नेताओं से फटकार भी मिली। फिलहाल सोशल मीडिया पर मालदीव और लक्षद्वीप दोनों ही सर्च किए जा रहे हैं। इस बीच लक्षद्वीप की खूबसूरती की हर तरफ चर्चा हो रही है। लोग लक्षद्वीप के बारे में सोशल मीडिया पर सर्च कर रहे हैं। कुल मिलाकर पीएम मोदी के लक्षद्वीप यात्रा ने इसे पूरे देश में चर्चा में ला दिया है। इस आर्टिकल में हम आपका बताएंगे कि कैसे यह द्वीप मुस्लिम बहुल बन गया।
सबसे अधिक मुस्लिम निवासी
असल में लक्षद्वीप केरल के तट से लगभग 400 किमी दूर स्थित है। इसे भारतीय पर्यटकों के लिए छिपे हुए खजाने के रूप में जाना जाता है। यह द्वीप अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए फेमस है। हालांकि यहां रहने वाले अधिकांश लोग मुस्लिम हैं। हालांकि लक्षद्वीप में इस्लाम की संस्कृति भारत के अन्य शहरों में रहने वाले मुस्लिमों के रहन-सहन से काफी अलग है। यहां मुस्लिमों के जिंदगी जीने का तरीका और खान-पान काफी अलग है। लक्षद्वीप पर रहने वाले मुस्लिम लोग मलयाली, अरब, तमिल और कन्नड़ की तरह रहते हैं। उनकी भाषा और सांस्कृति हिंदू लोगों से काफी मिलती-जुलती है।
लक्षद्वीप पर रहने वाले लोग पहले हिंदू थे?
हिंदुओं और बौद्धों की भूमि आखिर लक्षद्वीप मुस्लिम बहुल कैसे हो गई? दरअसल, यहां की 96 प्रतिशत से अधिक आबादी इस्लाम धर्म को मानती है। हालांकि, लक्षद्वीप पहले मुस्लिम बहुल नहीं था। यहां हिंदू और बौद्ध धर्म के अनुयायी रहते थे। इस्लाम पर रिसर्च करने वाले विशेषज्ञ एंड्रयू डब्ल्यू फोर्ब्स ने कहा है कि लक्षद्वीप पर पहले बसने वाले मालाबारी नाविक थे। द्वीप पर रहने वाले लोगों को देखकर यही लगता है। हालांकि इसे प्रमाणित करना थोड़ा कठिन है। फोर्ब्स ने लिखा है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि सातवीं शताब्दी ईस्वी के दौरान इमिग्रेशन (अप्रवास) की लहर चली थी। हालंकि यह बताना मुश्किल है कि यह कब शुरू हुआ था मगर ये आप्रवासी बड़े पैमाने पर मालाबारी हिंदू थे।
उन्होंने आगे लिखा कि जाति के अलावा, द्वीप में पूर्व-इस्लामिक हिंदू समाज के अस्तित्व के कई प्रमाण है। यहां जमीन से मूर्तियों मिली हैं। वहीं राम की भक्ति में कई पारंपरिक गीत के प्रमाण हैं। इसके अलावा यहां सांप की पूजा की जाती है। ये सभी इस्लामिक हिंदू समाज के प्रमाण हैं।
द्वीप पर रहने वाले लोगों ने इस्लाम क्यों अपनाया?
फोर्ब्स का मानना है कि अरब और मालाबार तट के बीच यात्रा करने वाले अरब व्यापारियों और नाविकों के साथ लागातार संपर्क के जरिए धीरे-धीरे इस्लाम में कंवर्ट हो गए। खासकर, लक्षद्वीप में इस्लामी प्रभाव अरब से आया। फोर्ब्स का कहना है कि लक्षद्वीप पर रहने वाले लोग मप्पिलास के बजाय अरबी के साथ मलयालम बोलते हैं और अरबी में मलयालम लिखते हैं। इस तरह लक्षद्वीप पर रहने वाले मुस्लिमों की संस्कृति बाकी जगहों से अलग है।