यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि यूपी सरकार की तरफ से घटना की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। अधिकारी ने कहा, “आयोग के गठन के लिए एक अधिसूचना जारी कर दी गई है। आयोग को मामले की जांच के लिए दो महीने का समय दिया गया है।”
बता दें कि इस जांच कमीशन में इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप प्रदीप कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं। आयोग गठन की अधिसूचना के जारी होने की तारीख से दो महीने की अवधि के अंदर अपनी जांच पूरी करेगा। इसके कार्यकाल में कोई भी बदलाव सरकार के आदेश पर होगा।” बता दें कि रविवार(3 अक्टूबर) को लखीमपुर खीरी हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें 4 किसान शामिल थे।
योगी सरकार ने सभी 8 लोगों को मुआवजे के तौर पर 45-45 लाख रुपये की देने की घोषणा की है। इसमें 4 किसान, 2 बीजेपी के कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक पत्रकार शामिल थे। इसके अलावा इस हिंसा में घायल हुए लोगो को प्रदेश सरकार की तरफ से 10-10 लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी। वहीं मृतक किसानों के परिवार से एक-एक शख्स को उसकी योग्यता अनुरूप सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।
फिलहाल हिंसा में पत्रकार रमन कश्यप की मौत को लेकर पुलिस के पास कोई पुख्ता जानकारी तो नहीं है लेकिन उनके परिवार का कहना है कि हमने रमन की मौत को लेकर शिकायत दी है, लेकिन अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है और न ही उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कॉपी मिली है।
परिवार का दावा: कश्यप के शरीर पर जो निशान हैं उनको देखते हुए, परिवार का मानना है कि तिकुनिया में आशीष मिश्रा(केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे) की गाड़ी के पहियों के नीचे आने से रमन की मौत हुई है। वहीं पत्रकार के पिता राम दुलारे कश्यप जोकि एक किसान हैं, उन्होंने सोमवार को निघासन पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई। जिसमें कहा गया है कि आशीष मिश्रा के काफिले में शामिल एक कार द्वारा रमन को कुचला गया और उन्हें “गोली भी मार दी गई”। “ फिलहाल आपको बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली से किसी की भी मौत नहीं बताई गई है।