India-China Disengagement: पिछले 5 साल से एलएसी पर भारत और चीन के बीच टकराव अब खत्म होता नजर आ रहा है। भारतीय सेना के सूत्रों द्वारा कहा गया था कि चीनी और भारतीय सैनिक देपसांग और डेमचोक में पीछे हट रहे हैं और दोनों देशों के बीच स्थिति सामान्य हो रही है। वहीं अब इस बात की पुष्टि बीजिंग यानी चीन द्वारा भी की गई है और कहा गया कि सीमावर्ती इलाकों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जारी है।
सीमा पर डेवेलपमेंट्स को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि सीमा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चीन और भारत के बीच हाल ही में हुए प्रस्तावों के अनुसार, चीनी और भारतीय सीमावर्ती सैनिक संबंधित कार्य में लगे हुए हैं, जो फिलहाल सुचारू रूप से चल रहा है।
कब तक पूरा होगा पीछे हटने का काम
गौरतलब है कि नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने यह सारी जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। वहीं भारतीय सेना के सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के बीच सीमा से पीछे हटने की यह प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर यानी दिवाली से पहले ही पूरी हो सकती है, हालांकि मौसम की परिस्थिति के चलते इस काम में ज्यादा समय भी लग सकता है।
एस जयशंकर ने सेना और कूटनीति को दिया पूरा क्रेडिट
वहीं पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान भारत और चीन के बीच टकराव के दौरान भारतीय सेना की भूमिका को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सेना की सराहना की। जयशंकर ने कहा कि अगर आज हम उस मुकाम पर पहुंचे हैं, जहां हम हैं… तो इसका एक कारण यह है कि हमने अपनी जमीन पर डटे रहने और अपनी बात रखने के लिए बहुत दृढ़ प्रयास किया।
S.जयशंकर बोले – LAC पर बेहद अशांत थी स्थिति
विदेश मंत्री ने कहा कि सेना देश की रक्षा के लिए बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में (एलएसी पर) मौजूद थी और सेना ने अपना काम किया और कूटनीति ने भी अपना काम किया। विदेश मंत्री ने कहा कि 2020 से सीमा पर स्थिति ‘बहुत अशांत’ रही है, जिसका ‘समग्र संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
एस जयशंकर ने कहा कि सितंबर 2020 से भारत-चीन के साथ बातचीत कर रहा है कि समाधान कैसे निकाला जाए। इस समाधान के अलग-अलग पहलू हैं। सबसे ज़रूरी पहलू है पीछे हटना, क्योंकि सेनाएं एक-दूसरे के बहुत करीब हैं और कुछ भी होने की संभावना है। फिर दोनों तरफ़ से सेना की तैनाती के कारण तनाव कम हो रहा है।