Line of Control: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की आतंकी घटना के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पहलगाम की घटना के बाद से भारत ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भारत ने पहलगाम की घटना का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया है तो वहीं, पाकिस्तान भी बॉर्डर से सटे एरिया में गोलीबारी की घटना को अंजाम दे रहा है। इसी गोलीबारी की घटना में आंध्र प्रदेश के 25 साल के सैनिक एम. मुरली नाइक की मौत हो गई।

सैनिक एम. मुरली नाइक आंध्र प्रदेश के सत्य साईं जिले के रहने वाले थे। शुक्रवार सुबह नियंत्रण रेखा पर भारी तोपखाने और गोलीबारी के दौरान घायल होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

मृतक सैनिक एम. मुरली नाइक के एक रिश्तेदार रंजीत नाइक ने बताया कि उनके वरिष्ठ अधिकारी ने सुबह 6 बजे के आसपास उनकी मां को फोन करके बताया कि सुबह 3 से 3:30 बजे के बीच, मुरली और उनके साथी जवानों पर भारी गोलीबारी के बाद वीरतापूर्वक लड़ते हुए घायल हो गए। अधिकारी ने कहा कि उन्हें बाहर निकालने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

मुरली दिसंबर 2022 में सेना में शामिल हुए और 851 लाइट रेजिमेंट में थे। उनके माता-पिता, मुदवथ श्रीराम और ज्योतिबाई, मुंबई में निर्माण उद्योग में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे। अपने इकलौते बेटे मुरली के सेना में शामिल होने के बाद अपने गांव लौट आए। वह आखिरी बार 6 जनवरी को 15 दिन की छुट्टी पर घर आया था।

उनके चचेरे भाई ने बताया कि मुरली ने 6 मई की रात को फोन करके अपने परिवार को बताया कि सीमा पार से गोलीबारी हो रही है। रंजीत ने कहा कि उसने कल (गुरुवार) रात को फिर से फोन किया और बताया कि और भी ज़्यादा गोलीबारी हो रही है। वह अपने माता-पिता के बारे में चिंतित था। मैंने उसे अपना ख्याल रखने और सुरक्षित रहने के लिए कहा, और उसे आश्वासन दिया कि हम रिश्तेदार उसके माता-पिता की देखभाल करेंगे। वह चिंतित लग रहा था, जो पहले कभी नहीं हुआ था। उसने सीमा पार से लगातार गोलाबारी के बारे में बताया।

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मुरली ने सोमंडेपल्ली के विज्ञान हाई स्कूल में पढ़ाई की और उनके पिता श्रीराम नाइक ने बताया कि सेना में भर्ती होना उसका सपना था। उसे वर्दी से बहुत प्यार था। वह एक मिलनसार और सहज व्यक्ति था। सेना के जवान के रूप में, वह देश की सेवा करने के लिए बेहद प्रेरित और गौरवान्वित था।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मुरली की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनके माता-पिता को फोन कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र 25 वर्ष की छोटी उम्र में किए गए बलिदान को याद रखेगा। उन्होंने परिवार को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है तथा उनसे मजबूत बने रहने का आग्रह किया।

पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी संवेदना व्यक्त की। वहीं, घटना की खबर सुनते ही सैकड़ों ग्रामीण दुख व्यक्त करने के लिए उनके घर पहुंचे।

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(इंडियन एक्सप्रेस के लिए श्रीनिवास जनयाला की रिपोर्ट)