कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर की हत्या के मामले में सीबीआई ने बड़ा आरोप लगाया है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि अगस्त में कैंपस के सेमिनार हॉल में जूनियर डॉक्टर का शव मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल घटना को दबाना चाहते थे। सीबीआई के अनुसार उन्होंने बलात्कार और हत्या की घटना को आत्महत्या में बदलने की कोशिश की। सीबीआई ने शुक्रवार को सियालदह के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) की अदालत में संदीप घोष और अभिजीत मंडल की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए ये आरोप लगाए।
संदीप घोष को 14 सितंबर को किया गया था गिरफ्तार
संदीप घोष और अभिजीत मंडल को बलात्कार और हत्या मामले में 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। 2 सितंबर को संदीप घोष को तीन अन्य लोगों के साथ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने आरजी कर में कथित वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के लिए गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को अदालत में अपने बयान में सीबीआई ने कहा कि जांचकर्ताओं ने ताला पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी फुटेज से निकाले गए डेटा के साथ-साथ दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन के डेटा की भी जांच की। सीबीआई ने कहा, “पीएस ताला के सीसीटीवी फुटेज और दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन वाले डीवीआर और हार्ड डिस्क का डेटा सीएफएसएल (कोलकाता) से प्राप्त किया गया है और इसकी जांच की गई है। कई कॉल से यह स्पष्ट है कि आरोपी व्यक्ति घटना को दबाना चाहते थे।”
सीबीआई ने 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर कहा कि जांच एजेंसी दो पहलुओं पर जांच कर रही है। पहला कथित बलात्कार और हत्या और दूसरा वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में आरोप जो कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ के आदेश पर सीबीआई को जांच के लिए सौंपे गए थे।
कोर्ट ने पूछा कि क्या दोनों आरोप के बीच कोई संबंध है और इसकी जांच सीबीआई द्वारा की जाएगी। इस संबंध में सीबीआई ने कहा कि वह बलात्कार और हत्या के मामले में किसी बड़ी साजिश का पता लगाने की कोशिश कर रही है और सबूतों को नष्ट करने के प्रयास और बलात्कार और हत्या के मामले को आत्महत्या में बदलने के पहलू पर जांच अभी भी जोरों पर चल रही है।
सीबीआई ने अपने सबमिशन में यह भी बताया कि संदीप घोष और अभिजीत मंडल दोनों से प्रेसिडेंसी जेल के अंदर 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक पूछताछ की गई। हालांकि दोनों आरोपियों ने सहयोग नहीं किया और टालमटोल वाले जवाब दिए। सीबीआई ने कहा कि उनके बयानों को और सत्यापित करने की आवश्यकता है।
सीबीआई ने कहा कि उसे संदीप घोष और अभिजीत मंडल की अन्य गवाहों और व्यक्तियों के साथ फोन पर बातचीत और डेटा को भी सत्यापित करने की आवश्यकता है। इसके लिए आगे की पूछताछ आवश्यक है। अदालत ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
