Kolkata Doctor Rape-Murder Case: तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्हें उम्मीद थी कि कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या मामले में ममता बनर्जी कोई सख्त एक्शन लेंगी। लेकिन तुरंत उन्होंने इस पर कोई भी कदम नहीं उठाया। इतना ही नहीं उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार को भी अपने फैसले का कारण बताया है। नौकरशाह से नेता बने जवाहर सरकार ने सीएम को लिखे पत्र में यह भी ऐलान किया कि वह अपनी सांसदी से भी इस्तीफा दे देंगे।

जवाहर सरकार ने अपने इस्तीफे में लिखा कि आरजी कर अस्पताल में हुई भयानक घटना के बाद से मैं एक महीने तक काफी दुख झेलता रहा और मुझे उम्मीद थी कि ममता बनर्जी अपने पुराने अंदाज में एक्शन लेंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सरकार अब जो भी कार्रवाई कर रही है, वह बहुत कम और काफी देर से उठाया गया कदम है। उन्होंने आगे कहा कि आपने मुझे जो मौका दिया है उसके लिए भी मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं सांसद के तौर पर अब बिल्कुल भी नहीं रहना चाहता हूं। जवाहर सरकार ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पार्टी छोड़ने के अपने फैसले, आगे की राह और तमाम मुद्दों पर विस्तार से बात की है।

क्या आप राज्यसभा सांसद के पद से भी इस्तीफा देने जा रहे हैं?

जवाहर सरकार ने बताया कि यह एक निजी फैसला है। मैंने तीन साल तक सांसद के तौर पर काम किया। मुझे लगता है कि मेरे लिए यह काफी है। वे अपनी पंसद के किसी भी शख्स को यह सीट दे सकते हैं। आरजी कर मामले को लेकर मेरी बहुत सारी शिकायतें हैं।

जवाहर सरकार ने कहा कि टीएमसी राज्य सरकार का बचाव कर रही है। हम पार्टी के सांसदों को अक्सर यह कहते हुए देखते हैं कि कोलकाता पुलिस ने मामले को सुलझा लिया है, लेकिन सीबीआई कोई नया सुराग नहीं ढूंढ पा रही है। यह सब राजनीतिक है लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता। मैं न केवल सांसद के तौर पर इस्तीफा दे रहा हूं बल्कि राजनीति भी छोड़ रहा हूं। एक साधारण इंसान बनकर वापस आना अच्छा लगता है।

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जवाहर सरकार ने कहा कि एक आम इंसान बनकर समाज में वापस आना चाहता हूं। मैं राजनीतिक तौर पर सोचने वाला नहीं हूं। कोलकाता लेडी डॉक्टर वाले मामले को ठीक से नहीं संभाला गया। सत्ता और भ्रष्टाचार भी इसकी वजह है। मैंने ममता बनर्जी को कुछ कदम उठाने की सलाह दी थी। हम पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहते हैं, लेकिन इसे गड़बड़ न करें।

सीएम ममता बनर्जी की क्या प्रतिक्रिया थी?

जवाहर सरकार ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि यह ऐसी बाते हैं जो निजी ही रहनी चाहिए। हम इसको यहीं पर रखेंगे। वहीं अपने साथियों से बातचीत को लेकर उन्होंने कहा कि उनसे बात करने को लेकर कुछ भी नहीं है। मैं अकेला आया हूं और अकेला ही जा रहा हूं।

आरजी कर मामले में आपकी पार्टी के साथियों में कैसी भावना है?

जवाहर सरकार ने कहा कि मुझे नहीं पता। लोग बहुत चालाक हैं। लेकिन मुझे लगता है कि लोगों ने आम तौर पर इसे अच्छी तरह से लिया है। मैं उसे शर्मिंदा नहीं करना चाहता। उसने मुझे राजनीति में ला दिया। मैं इसके लायक नहीं हूं। मेरा कहना है कि इसके लिए बड़े पैमाने पर तत्काल सुधार की जरूरत है। बस इतना ही। यह सुधार ममता बनर्जी कर सकती हैं, मैं नहीं।

किस तरह के सुधार की जरूरत?

सरकार ने कहा कि डॉक्टरों से जाकर सीधे बातचीत करनी चाहिए और उन्हें अपने पास में बुलाना चाहिए। लंबे समय से चल रहे प्रदर्शन से पार्टी और सरकार को कोई फायदा नहीं हो रहा है।

क्या अब प्रदर्शनकारियों से संपर्क करने का टाइम आ गया

जवाहर सरकार ने कहा कि हां संपर्क करना चाहिए क्योंकि जहां पर एक तरफ सीबीआई केस और न्याय की मांग और सब कुछ एक तरफ चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ शहर और राज्य में सब कुछ रूक सा गया है। इसलिए मैंने सीएम से आग्रह किया कि डॉक्टरों से बात करें। बस इतना ही। मैंने कहा है कि केवल आप ही राज्य को बचा सकती हैं। अगर आप ऐसा नहीं कर सकती हैं तो हम नहीं चाहते कि बीजेपी आए।

सुखेंदु शेखर रे ने भी आरजी कार मामले पर खुलकर अपनी राय रखी?

जवाहर सरकार ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि किसी भी पार्टी में लोग इन मुद्दों पर बात नहीं करते। अगर मैं इसे इस तरह से कहूं तो मुझे एक तरह का झटका देने के लिए एक कदम उठाना पड़ा।

आपकी आगे की क्या प्लानिंग है?

जवाहर सरकार ने अपनी प्लानिंग के बारे में बताया कि अब कुछ भी योजना नहीं है। मैं सिविल सोसाइटी से जुड़ा हुआ हूं। मैं बहुत लिखता हूं, बहुत टिप्पणी करता हूं। मैंने 41 साल तक इस तरफ सब कुछ देखा है। मेरे पास हर चीज पर अपने विचार हैं और मैं उन्हें सभी के सामने रखता हूं। मुझे वाम मोर्चे से भी परेशानी है। मैं एक आजाद इंसान बनना चाहता हूं। मैं लंबे समय के बाद आजाद पंछी हूं। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी दूसरी पार्टी में जाने की नहीं सोच रहा हूं। राजनीति मेरे खून में नहीं है।