कोलकाता में लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद से मचे बवाल के बीच पश्चिम बंगाल पुलिस की कार्यशैली पर हर कोई प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहा है। इसी बीच पश्चिम बंगाल पुलिस का एक पोस्ट काफी चर्चा में है। जिसको लेकर लोग फिर से भड़क उठे हैं। पुलिस ने यह पोस्ट बीते 14 अगस्त की रात मेडिकल कॉलेज में हुए तोड़फोड़ और प्रदर्शन में घायल महिला कॉस्टेबल को लेकर किया था।

बीते 8-9 अगस्त की रात में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी लेडी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद से कोलकाता से लेकर देश भर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। 14-15 अगस्त की रात में डॉक्टरों ने ‘रिक्लेम द नाइट’ नाम से मिडनाइट में मार्च निकाला था। इसी दौरान कई उपद्रवी मेडिकल कॉलेज में घुस गए और पूरे कॉलेज में जमकर तोड़फोड़ की। वहां मौजूद पश्चिम बंगाल पुलिस ने टियर गैस छोड़े जिसको लेकर महिला कांस्टेबल शांपा ड्यूटी पर थी जिसको प्रदर्शनकारियों द्वारा किए जा रहे पथराव से चोटिल हो गई।

इसी को लेकर बंगाल पुलिस ने एक्स पर लिखा था कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस लगाई गई थी। इसके साथ ही पुलिस ने आगे लिखा कि बिधाननगर पुलिस कमिश्नरी में तैनात कांस्टेबल शांपा प्रमाणिक उस रात में ड्यूटी पर थीं। शांपा इस बात का प्रयास कर रही थीं कि प्रदर्शन के दौरान चल रहे लोग सुरक्षितत रहें। लेकिन अचानक भीड़ ने पुलिस पर ही कुछ ईंटे फेंक दी।

इसी दौरान एक पत्थर का टुकड़ा शांता के चेहरे पर आकर लगा। जो फोटो एक्स पर शेयर किया जा रहा है वो घटना के बाद शांता का है। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ऐसे लोगों को सजा जरूर मिलेगी। इस दौरान पश्चिम बंगाल पुलिस ने लोगों से सवाल पूछा कि क्या यह रात शांता की नहीं थी?

यूजर्स ने कोलकाता पुलिस पर भड़के

बंगाल पुलिस के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स भड़क उठे हैं। यूजर्स ने पुलिस को विक्टिम कार्ड खेलने का आरोप लगाया। एक यूजर ने लिखा कि घटना के समय पुलिस की ही जिम्मदारी थी कि वो आम लोगों के साथ अपने आप की भी सुरक्षा करे लेकिन पुलिस दोनों ही काम में नाकाम रही। वहीं दूसरे यूजर ने लिखा है कि लिखा है कि महिलाएं सुरक्षा मांग रही है और पुलिस लोगों को सुरक्षा नहीं पा रही है। इसके बजाय पुलिस विक्टिम कार्ड खेल रही है।