Kolkata Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अपनी सहकर्मी के बलात्कार और हत्या का विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टर राज्य सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वो मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे। डॉक्टर सरकार द्वारा प्रस्तावित 10 की बजाय 25 से 35 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल पर बातचीत पर जोर दे रहे हैं। साथ ही वे उचित चैनलों के माध्यम से आधिकारिक निमंत्रण चाहते हैं और नबन्ना सहित किसी भी स्थान पर चर्चा के लिए तैयार हैं। डॉक्टरों ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन के पास अपना रात भर का विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। साथ ही कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे इसे खत्म नहीं करेंगे।
मंगलवार शाम तक काम पर लौटने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं और पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगर “काम से लगातार परहेज किया जाता है, तो प्रतिकूल कार्रवाई की संभावना हो सकती है।”
राज्य सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों को पत्र लिखकर घटना पर गतिरोध को हल करने के लिए सचिवालय में बैठक के लिए आमंत्रित किया है। हालांकि, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि बैठक के लिए मेल राज्य के स्वास्थ्य सचिव की ओर से था, जिनका इस्तीफा वे मांग रहे थे और उन्होंने इसे अपमानजनक बताया।
जूनियर डॉक्टर, जो 9 अगस्त की घटना के बाद से हड़ताल पर हैं और कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल तथा राज्य के स्वास्थ्य विभाग के कई शीर्ष अधिकारियों को हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ बैठक में भाग लेने के लिए प्रतिनिधियों की संख्या पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने पर असंतोष व्यक्त किया।
5 और POCSO कोर्ट को ममता सरकार ने दी मंजूरी
वहीं मंगलवार को पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने राज्य में पांच और विशेष POCSO कोर्ट स्थापित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी। इसके साथ ही राज्य में ऐसी कोर्ट की कुल संख्या 67 हो गई है। राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि बाल यौन शोषण से जुड़े मामलों का शीघ्र निपटारा करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) क्या है?
बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मुद्दे से व्यापक रूप से निपटने के लिए 2012 में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) पारित किया गया था। पॉक्सो न केवल अपराधों के लिए दंड का प्रावधान करता है, बल्कि पीड़ितों की सहायता के लिए एक प्रणाली और अपराधियों को पकड़ने के लिए बेहतर तरीके भी निर्धारित करता है।