सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम्रपाली ग्रुप के हजारों मकान खरीदारों को बड़ी राहत दी। अदालत ने इस ग्रुप का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के साथ ही उसकी सभी लंबित परियोजनाओं को पूरी करने के लिये नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन (एनबीसीसी) को नियुक्त किया। कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी द्वारा आम्रपाली ग्रुप को दी गई संपत्तियों के पट्टे भी रद्द कर दिए हैं। इसके अलावा, कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को आम्रपाली ग्रुप के चेयरमैन और एमडी अनिल शर्मा और दूसरे डायरेक्टर और अन्य सीनियर अधिकारियों के खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच का निर्देश भी दिया है।

आम्रपाली और इसके एमडी अनिल शर्मा ने एक तरह से जमीन से आसमान का सफर तय किया है। रियल एस्टेट के क्षेत्र में आम्रपाली ने पहली दस्तक 2003 में दी। कंपनी ने नोएडा में 140 फ्लैट बनाने के प्रोजेक्ट एग्जॉटिका से शुरुआत की। यहीं से आम्रपाली और ग्राफ दिन प्रतिदिन चढ़ता गया और एक दशक में शर्मा एक बिजनेस टायकून बनकर उभरे। उनके बिजनेस का साम्राज्य 24 शहरों तक फैल गया। उनकी दखल हेल्थकेयर, एफएमसीजी, होटल व्यवसाय से लेकर बॉलीवुड तक हो गई।

शर्मा का जन्म पटना से 50 किमी दूर पंडारक में हुआ है। उनकी शुरुआती शिक्षा गांव के स्कूल में हुई, जिसके बाद वह पटना साइंस कॉलेज पहुंचे। शर्मा के पिता उन्हें सिविल इंजीनियर बनाना चाहते थे। उन्होंने एनआईटी कालीकट से बीटेक, जबकि एमटेक आईआईटी से किया। शर्मा यहीं नहीं रुके। उन्होंने एलएलबी और एमबीए की भी डिग्री ली। बाद में उन्होंने एनटीपीसी और नैशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन में काम किया।

2002 में रियल एस्टेट के धंधे में किस्मत आजमाने के लिए शर्मा दिल्ली आ गए। पहला प्रोजेक्ट आम्रपाली एग्जोटिक था जहां 140 फ्लैट्स बनाए। इसके बाद कई प्रोजेक्ट लिए। 2015 में आम्रपाली ग्रुप कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ने लगा और मशहूर हस्तियां भी इस ग्रुप से जुड़ने लगीं। शर्मा उस वक्त भी सुर्खियों में आ गए, जब उन्होंने अपने आम्रपाली ग्रुप के प्रमोशन के लिए दिग्गज क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को अपना ब्रैंड एंबैसेडर बनाया। हालांकि, प्रोजेक्ट्स की देरी की वजह से हो रही आलोचनाओं के बाद धोनी ने ग्रुप से किनारा कर लिया।

उनका रियल्टी एस्टेट का कारोबार न केवल दिल्ली और आसपास के इलाकों, बल्कि भिलाई, लखनऊ, बरेली, वृंदावन, मुजफ्फरनगर, जयपुर, रायपुर, कोच्चि, इंदौर जैसे शहरों तक फैल गया। आम्रपाली ने नोएडा में आम्रपाली सैफायर और आम्रपाली प्लेटिनम, गाजियाबाद में आम्रपाली एम्पायर, ग्रेटर नोएडा में कमर्शियल हब, जयपुर में टाउनशिप, बिहार के मुजफ्फरपुर में आम्रपाली मल्टीप्लेक्स मॉल और एक आईटी हब कम फाइव स्टार होटल बनाए। आम्रपाली मम्स के नाम से इसके एफएमसीजी प्रोडक्ट्स बिहार के राजगीर में वी-मार्ट और बिग बाजार स्टोर्स पर बेचे जाने लगे। उत्तर प्रदेश के बरेली और झारखंड के देवघर में थ्री स्टार होटल खोले। एक वक्त ऐसा आया, जब शर्मा ने मीडिया कंपनी आम्रपाली मीडिया विजन लॉन्च किया। इसके तहत दो फिल्में ‘गांधी टु हिटलर’ और ‘आई डोंट लव यू’ बनाई गईं।

शर्मा बाद में बिल्डरों के संघ CREDAI-NCR के अध्यक्ष बने। भारत के बाहर भी उन्हें पहचान मिली। उन्होंने देश-विदेश के मिलाकर 70 अवॉर्ड जीते। कर्ज का बोझ बढ़ने से पहले शर्मा ने राजनीति में भी किस्मत आजमाई। शर्मा ने 2014 में जहानाबाद लोकसभा सीट से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। उन्होंने फिर राज्यसभा के जरिए संसद पहुंचने की कोशिश की, लेकिन फिर नाकाम हुए।