लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। एनडीए को 293 सीटों पर जीत मिली है वहीं इंडिया गठबंधन को 233 सीटों पर जीत मिली है। चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा चर्चा पाला बदलने वाले नेताओं की रही। चुनाव से पहले जिन नेताओं ने पाला बदला उनमें से अधिकांश की हार हो गई। चुनाव से पहले कुल 13 नेताओं ने पाला बदला था जिसमें से 9 की हार हो गई। जिन नेताओं को हार का सामना करना पड़ा उनमें ज्योति मिर्धा से तपस रॉय तक शामिल हैं।
कितने नेताओं ने बदला था पाला
चुनाव से पहले सीबीआई, आयकर विभाग और ईडी के डर से 13 नेताओं ने पाला बदला था जिनमें से 8 बीजेपी में शामिल हो गए थे। 13 में से आठ भाजपा में शामिल हो गए थे। सात कांग्रेस से गए और एक तृणमूल कांग्रेस से झारखंड विकास पार्टी और पीईपी से दो-दो कांग्रेस में शामिल हुए थे। जिन नेताओं ने चुनाव से पहले पाला बदला उनमें महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट की यामिनी जाधव,पश्चिम बंगाल में भाजपा के तपस रॉय, झारखंड में कांग्रेस के प्रदीप यादव, राजस्थान में भाजपा की ज्योति मिर्धा जैसे नाम शामिल हैं।
किन नेताओं ने बदला पाला?
केंद्रीय एजेंसियों की जांच के डर से 13 नेताओं ने पाला बदला था। इनमें से 9 नेताओं की बार हुई जिनमें सात बीजेपी या उसके सहयोगी दलों के थे। हारने वाले प्रमुख दलबदलुओं में राजस्थान के नागौर से ज्योति मिर्धा, उत्तर प्रदेश के जौनपुर से कृपाशंकर सिंह, कोलकाता उत्तर से तपस रॉय, आंध्र प्रदेश के अराकू से कोथापल्ली गीता, पटियाला से प्रणीत कौर और झारखंड के सिंहभूम से गीता कोड़ा शामिल हैं। शिवसेना शिंदे गुट से यामिनी जाधव मुंबई दक्षिण से चुनाव हार गईं, जबकि कांग्रेस से प्रदीप यादव झारखंड के गोड्डा से हार गए।
बता दें कि कांग्रेस की पूर्व नेता ज्योति मिर्धा लोकसभा चुनाव से 6 महीने पहले सितंबर 2023 में भाजपा में शामिल हुई थीं। ईडी ने कुछ महीने पहले ही शिप्रा समूह की शिकायत के आधार पर इंडियाबुल्स के खिलाफ जांच शुरू की थी। इंडियाबुल्स का संचालन मिर्धा के ससुराल वाले करते हैं। इंडियाबुल्स के प्रमोटर समीर गहलोत मिर्धा के पति नरेंद्र गहलोत के भाई हैं।
वहीं कांग्रेस के पूर्व नेता और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर को भाजपा ने पटियाला से मैदान में उतारा था। उनके बेटे रनिंदर सिंह 2020 में विदेशी मुद्रा उल्लंघन के एक मामले में ईडी की जांच के घेरे में आए थे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले ही कांग्रेस के साथ थोड़ दिया था। नवंबर 2021 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के करीब एक साल बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे। लोकसभा चुनाव में कौर कांग्रेस के धर्मवीर गांधी और आप के बलबीर सिंह के बाद तीसरे स्थान पर रहीं।