Taranjit Singh Sandhu: अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू का बड़ा बयान सामने आया है। तरणजीत सिंह संधू ने शनिवार को कहा, ‘खालसा एकुजट करने वाली ताकत है न कि बांटने वाली’। संधू का यह बयान ऐसे वक्त सामने आया है जब हाल के दिनों में पंजाब में कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद खालिस्तान समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने लंदन, ब्रिटिश कोलंबिया और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मिशनों में तोड़फोड़ की थी। जिसके बाद भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था।
तरणजीत सिंह संधू ने शनिवार को वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की, जहां उन्हें कई अन्य प्रतिष्ठित सिखों के साथ अमेरिका के सिखों की ओर से प्रतिष्ठित “सिख हीरो अवार्ड” प्रदान किया गया। कार्यक्रम में अपने मुख्य भाषण में संधू ने कहा, “खालसा, जिसे बैसाखी के दिन गुरु गोबिंद सिंह द्वारा बनाया गया था, एक जोड़ने वाली शक्ति है न कि बांटने करने वाली शक्ति”। संधू ने कहा कि सिख धर्म और इतिहास में महत्वपूर्ण अवधारणाओं और बुनियादी सिद्धांतों में सार्वभौमिकता, एकता, समानता, ईमानदार जीवन, सेवा, ध्यान, मन की शांति और लोगों के बीच सद्भाव शामिल हैं।
इस दौरान सिंह ने अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में अलगाववादियों के एक छोटे समूह द्वारा हिंसा की घटनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमें इन प्रमुख गुणों को ध्यान में रखना चाहिए और यह नहीं कि कुछ शरारती तत्व वर्चुअल मीडिया का उपयोग करके क्या करते हैं”।
तरणजीत सिंह संधू ने अपने भाषण में भारत के उत्थान और अर्थव्यवस्था, डिजिटलीकरण, स्वास्थ्य और उद्यमिता के प्रमुख क्षेत्रों में देश की कुछ प्रमुख उपलब्धियों को भी साझा किया। संधू ने कहा, “ऐसे में पंजाब और पंजाब के युवाओं को भारत में हो रही आर्थिक, वित्तीय, तकनीकी और डिजिटल क्रांति से जोड़ने की जरूरत है।”
संधू ने कहा, “सरकार, लोगों और विशेष रूप से युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिका के साथ बढ़ती साझेदारी का लाभ उठाना चाहिए। जिसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति स्पेश देने की कोशिश में लगे हुए हैं।
वाशिंगटन में पत्रकार में खालिस्तानियों ने किया था हमला
26 मार्च, 2023 को एक खबर सामने आई थी, जिसमें वाशिंगटन में स्थित एक भारतीय पत्रकार ने दावा कि था कि संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों द्वारा उन पर हमला किया गया और दुर्व्यवहार किया गया। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया था कि ललित झा पर खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हमला किया था, जब वह विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे। पत्रकार ने दावा किया था कि खालिस्तानी समर्थकों ने उसके बाएं कान पर वार किया था। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर खालिस्तानी समर्थकों का एक वीडियो भी शेयर किया था।