लड़कियों की शिक्षा के मामले में देश के राज्यों में केरल का प्रदर्शन सबसे बेहतर है। हाल ही में एक सरकारी डाटा में इस बात की पुष्टि हुई है। डाटा के अनुसार, लड़कियों के शैक्षिक संस्थानों में विशेष उम्र संबंधी अटेंडेंस अनुपात (ASAR) सबसे बेहतर पाया गया है। खास बात ये है कि यह शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे बेहतर है।
बता दें कि सरकार के स्टैटिस्टिक एंड प्रोग्राम इम्पलिमेंटेशन (MoSPI) मंत्रालय ने “Household Social Consumption: Education” नाम से सर्वे कराया था। इस सर्वे में ही देश में लड़कियों की शिक्षा को लेकर उक्त आंकड़े सामने आए हैं। सर्वे के अनुसार, केरल के अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना और तमिलनाडु में भी ASAR दर उच्च पायी गई है।
सर्वे के अनुसार, 3-5 साल के प्री-प्राइमेरी लेवल में केरल में लड़कियों का विशेष उम्र संबंधी अटेंडेंस अनुपात 60 प्रतिशत पाया गया। वहीं प्री यूनिवर्सिटी लेवल, जिसमें कक्षा 11 और 12 आती हैं, उस ग्रुप में यह 99.5 प्रतिशत था। दोनों ही मामलों में यह राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत और 77.5 प्रतिशत से काफी बेहतर है।
प्री प्राइमरी लेवल पर केरल के अलावा जिन राज्यों का प्रदर्शन अच्छा है, उनमें पंजाब (57 प्रतिशत), तेलंगाना (54 प्रतिशत), तमिलनाडु (54 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (53 प्रतिशत) और दिल्ली (50 प्रतिशत) का नाम शामिल है।
वहीं प्री-यूनिवर्सिटी लेवल की बात करें तो यहां केरल के अलावा हिमाचल प्रदेश (94.4 प्रतिशत), उत्तराखंड (92.7 प्रतिशत), तेलंगाना (92.1 प्रतिशत), तमिलनाडु (91.6 प्रतिशत) का नंबर आता है। दोनों ही ग्रुप में जिस राज्य का प्रदर्शन सबसे खराब रहा, वो उत्तर प्रदेश है। यहां प्री प्राइमरी लेवल पर लड़कियों की शैक्षिक संस्थानों में उपस्थिति 22.7 प्रतिशत और प्री यूनिवर्सिटी लेवल पर यह आंकड़ा 64.5 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि इस रिपोर्ट में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों शिक्षाओं को शामिल किया गया है। अनौपचारिक शिक्षा में नॉन फॉर्मल एजुकेशन सेंटर, टोटल लिटरेसी कैंपेन, एडल्ट एजुकेशन सेंटर और अन्य अनौपचारिक शिक्षा शामिल है।