केरल में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राज्य सचिव के एस शान की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। 27 दिसंबर रविवार को पुलिस ने कहा कि 18 दिसंबर को अलाप्पुझा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता नंदू कृष्ण की हत्या का बदला लेने के लिए के एस शान की हत्या हुई थी।

पुलिस ने अलाप्पुझा की एक स्थानीय अदालत में रिमांड रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि एसडीपीआई नेता की हत्या एक साजिश थी। यह इस साल फरवरी में हुई नंदू कृष्ण की हत्या के विरोध में हुई थी। बता दें कि रिपोर्ट में कहा गया है कि आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने शान की हत्या में शामिल लोगों को छिपने में मदद की।

गिरफ्तार किये गए लोगों का RSS से संबंध: केरल पुलिस ने एसडीपीआई नेता की हत्या करने वाले पांच सदस्यीय गिरोह सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग आरएसएस से जुड़े हैं। बता दें कि के एस शान की हत्या के बाद, अलाप्पुझा में भारतीय जनता पार्टी अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) मोर्चा के राज्य सचिव रंजीत श्रीनिवास की भी हत्या कर दी गई।

भाजपा नेता की हत्या: गौरतलब है कि रंजीत 2016 के विधानसभा चुनाव में अलाप्पुझा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी थे। पेशे से वकील 40 साल के रंजीत रविवार की सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए तैयार हो रहे थे कि तभी कुछ लोगों के एक समूह ने उनके घर में घुसकर गला रेतकर हत्या कर दी। आरोप के मुताबिक एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं ने अपने राज्य सचिव एस शान की हत्या के प्रतिशोध में रंजीत की हत्या की।

इस बीच, भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते रविवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात कर आरोप लगाया कि पुलिस भाजपा-आरएसएस कार्यकर्ताओं के साथ खुलेआम भेदभाव कर रही है। प्रतिनिधिमंडल द्वारा कहा गया कि पिनाराई विजयन शासन के दौरान विरोधियों द्वारा 22 भाजपा-आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी, हालांकि, हत्याओं के पीछे की साजिश का पता नहीं चला था।