परिसीमन और तीन भाषा नीति पर बहस चल रही है। नॉर्थ और साउथ पर भी बहस छिड़ी हुई है। इस बीच केरल के एक ईसाई सांसद ने खाद्य लागत में असमानता के बारे में मुद्दा उठाया है। फाइनेंस विधेयक पर बहस में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा कि दक्षिण भारतीय स्नैक्स पर उत्तर भारत में ऐसी वस्तुओं की तुलना में अधिक टैक्स लगाया जाता है।
भगवान अयप्पा भाजपा को माफ नहीं करेंगे- हिबी ईडन
एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन ने कहा, “मलयाली लोगों के लिए एक आम नाश्ता पझामपोरी (केले के पकौड़े), उझुन्नुवाड़ा (दाल वड़ा), और कोझुक्कट्टा (पकौड़ी) और इलियाडा (एक मिठाई) जैसे उबले हुए स्नैक्स पर 18% जीएसटी लगाया जाता है। लेकिन जलेबी, लड्डू, बर्फी और गुलाब जामुन पर 5% कर लगाया जाता है।” हिबी ईडन ने चेतावनी दी कि सबरीमाला के देवता भगवान अयप्पा भाजपा को माफ नहीं करेंगे क्योंकि उन्नियाप्पम (देवता का पसंदीदा नाश्ता माना जाने वाला प्रसाद) पर भी टैक्स लगाया जाता है।
परिसीमन मुद्दे पर छिड़ी बहस
परिसीमन मुद्दे को लेकर दक्षिण भारत के राजनीतिक दल भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। चेन्नई में 22 मार्च को इस मुद्दे पर दक्षिण भारत राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच एक बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस और सीपीएम के नेताओं ने भी हिस्सा लियाm तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन ने इस बैठक का नेतृत्व किया था।
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बैठक में 4 सीएम शामिल
बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने हिस्सा लिया। वहीं भाजपा और वाईएसआर कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
बैठक के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि परिसीमन उन राज्यों के लिए बेहद बुरा साबित होगा जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार योजनाओं को सख्ती से लागू किया। उन्होंने कहा कि हम परिसीमन के खिलाफ नहीं है, बल्कि हम निष्पक्ष परिसीमन के पक्ष में हैं। स्टालिन ने कहा कि अगर जनसंख्या के हिसाब से परिसीमन होगा तो हमारा प्रतिनिधित्व संसद में कम होगा और हमें फंड लेने के लिए केंद्र सरकार से संघर्ष करना पड़ेगा।