दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद पहला बड़ा कदम उठा लिया है। सरकार की तरफ से सेवा विभाग के सचिव को बदल दिया गया है। इस समय इस पद पर आदेश मोरे नियुक्त थे, लेकिन मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उन्हें हटाने का फरमान जारी कर दिया है। ये फैसला मायने रखता है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ही अधिकारों की लड़ाई में केजरीवाल सरकार को बड़ा बूस्टर डोज दिया है। पोस्टिंग की ताकत उनके हाथ में आ गई है, अधिकारियों का तबादला भी किया जा सकता है।
पहले बड़े कदम के क्या मायने?
इसी कड़ी में सौरभ भारद्वाज के इस फैसले को देखा जा रहा है जहां उन्होंने आदेश मोरे को हटा किसी और को सेवा विभाग का सचिव नियुक्त कर दिया है। इससे पहले मीडिया से बात करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था कि अब कई अधिकारियों का ट्रांसफर किया जाएगा, सरकार पहले से भी ज्यादा जवाबदेह बन जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केजरीवाल
मीडिया से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केजरीवाल ने कहा था कि हम डीवाई चंद्रचूड़ और बाकी सभी जजों को इस फैसले के लिए शुक्रिया कहते हैं। मैं तो दिल्ली की जनता को भी बधाई देना चाहता हूं। आज के फैसले के बाद और ज्यादा काम किया जाएगा और सरकार भी जवाबदेह बनेगी। कई सरकारी कर्मचारी और ऑफिसर्स का ट्रांसफर किया जाएगा। पुराने प्रशासन की वजह से तो जल बोर्ड की पेयमेंट तक रुक गई थी और मोहल्ला क्लिनिक बनाने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
पुराना है अधिकारों का मामला
यहां ये समझना जरूरी है कि दिल्ली में अधिकारों की लड़ाई लंबे समय से चल रही है। केजरीवाल सरकार का आरोप है कि एलजी कई फाइल्स को रोक देते हैं, कई अहम फैसलों को लेने नहीं देते। इसी वजह से ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था और अब वहीं से एक बार फिर शक्तियों को लेकर स्पष्ट आदेश दिया गया है।