आम आदमी पार्टी(आप) सरकार ने संविधान दिवस पर अनेक अखबारों में दिए विज्ञापनों में प्रस्तावना में से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द छूट जाने पर गुरुवार को इस भूल के लिए माफी मांगी और इस पर कठोर रुख अपनाते हुए यह पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं कि क्या इसके पीछे किसी की ‘शरारत’ है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने संविधान पास किए जाने की याद में अंग्रेजी विज्ञापन छपवाएं हैं, जो कई अखबारों में छपे हैं इनमें संविधान की प्रस्तावना का मजमून लिखा हुआ है लेकिन इसकी विषय वस्तु में से दो शब्द गायब हैं।
केजरीवाल सरकार ने एक बयान में कहा कि दिल्ली सरकार बुधवार को संविधान दिवस के अवसर पर अंग्रेजी अखबारों में छपे अपने विज्ञापनों में शब्दों के छूट जाने की भूल के लिए माफी मांगती है। उसने कहा कि अंग्रेजी विज्ञापन में छपे मजमून में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द भूलवश छूट गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है और सूचना एवं प्रचार निदेशक को जांच करने और चार दिनों में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। निदेशक को यह पता लगाने को कहा गया है कि संविधान की प्रस्तावना के इतने महत्त्वपूर्ण अंश कैसे छूट गए। सरकार ने कहा कि जांच इस संबंध में केंद्रित होगी कि इसके पीछे किसी ने शरारत तो नहीं की है।
दिल्ली सरकार की ओर से संविधान दिवस पर आयोजित एक समारोह में सिसोदिया ने कहा कि यह गलती सामने आने के बाद गुरुवार की सुबह मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उन्हें फोन किया। उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए जिम्मेदारी तय करनी होगी। तबीयत खराब होने की वजह से केजरीवाल इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर सके।
बयान में कहा गया, ‘जब गलतियां की जाती हैं तो जिम्मेदारियां भी तय होती हैं। हमें सुनिश्चित करना होगा कि हम संविधान के सिद्धांतों और उसके हर एक शब्द की पवित्रता के लिए लड़ें, ठीक उसी तरह जैसे हम तिरंगे का सम्मान करते हैं।’ सरकार ने कहा कि निदेशक (सूचना एवं प्रचार) से यह पता लगाने को कहा गया है कि संविधान की प्रस्तावना के मजमून से ऐसे अहम हिस्से कैसे गायब हो गए। बयान में कहा गया, ‘जांच से पता चलेगा कि क्या इस मामले में कोई शरारत की गई।’ समारोह को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि ‘आप’ सरकार पूरी तरह संविधान के सिद्धांतों के आधार पर ही काम करेगी।