दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बुधवार को कहा, “पंजाब के सीएम ने मुझ पर आरोप लगाया है कि मैंने दिल्ली में काले कानूनों पारित किए हैं। ऐसे नाजुक हालात में वह निम्न स्तर की राजनीति कैसे कर सकते हैं? इसे पारित करना या लागू करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। अगर ऐसा होता तो देश के किसान केंद्र के साथ बातचीत क्यों करते?
उन्होंने दावा किया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए स्टेडियमों को अस्थायी जेल के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति न देने के चलते भाजपा नीत केंद्र और पंजाब की कांग्रेस सरकार उनसे नाराज है। कहा कृषि बिल पर कमेटी के सदस्य थे, तब वे चुप क्यों रहे?
केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि वह दिल्ली में तीन कृषि कानून “पारित किए जाने” का उनपर आरोप लगाकर “भाजपा की भाषा” बोल रहे हैं। आप सरकार ने पिछले सप्ताह दिल्ली पुलिस को शहर के स्टेडियमों को अस्थायी जेल में परिवर्तित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पर “गंदी राजनीति” करने का आरोप लगाया और कहा कि वह उनपर झूठे इल्जाम लगा रहे हैं।केजरीवाल ने कहा, “कैप्टन साहब क्या आप मेरे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं और भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। क्या आपके परिवार के सदस्यों पर ईडी के मामलों का दबाव है और नोटिस भेजे जा रहे हैं?”
उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से देशभर में लागू हुए और राज्य सरकार उन्हें नहीं रोक सकती। दिल्ली सरकार ने तीन में से एक कानून को अधिसूचित किया है। केजरीवाल ने कहा, “पंजाब के मुख्यमंत्री ने मुझ पर तीन काले कानून पारित करने का आरोप लगाया है। वह संकट के इस समय में ऐसी घटिया राजनीति कैसे कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “अमरिंदर सिंह के पास कृषि कानूनों को रोकने के कई अवसर थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।” केजरीवाल ने केंद्र से किसानों की सभी मांगें तत्काल पूरी करने और उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने की अपील की।