केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादियों को गद्दार करार दिया है। उन्होंने कहा है कि घाटी में अलगाववादियों के साथ मेहमानों की तरह बर्ताव किया जा रहा था। गिरिराज की यह टिप्पणी केंद्र सरकार के उस कदम पर आई है, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर के करीब छह अलगवाविदयों से रविवार (17 फरवरी, 2019) को सुरक्षा वापस ले ली गई। मोदी सरकार की तरफ से अलगाववादियों को लेकर यह निर्णय पुलवामा आतंकी हमले के बाद उठाया गया। अधिकारियों की मानें तो घाटी में मीरवाइज उमर फारुक के अलावा अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी, फजल हक कुरैशी एवं शबीर शाह को दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। हालांकि, आदेश में पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी का जिक्र नहीं है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बिहार के बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री ने अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा और सुविधाओं के मसले पर कहा, “लंबे समय से मेहमानों के रूप में उनकी खातिरदारी की जा रही थी। अब समय आ चुका है कि उनके साथ वही सुलूक किया जाए, जैसा कि गद्दारों के साथ किया जाना चाहिए।”
गिरिराज यहीं नहीं रुके, उन्होंने क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू पर भी जुबानी हमला बोला। पत्रकारों से उन्होंने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पुलवामा पर सिद्धू द्वारा दिए गए बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्हें इससे पहले देश से माफी भी मांगनी चाहिए और सिद्धू को पार्टी से बाहर करना चाहिए।”
सिद्धू मौजूदा समय में पंजाब से मंत्री हैं। हाल ही में उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले को लेकर कहा था कि कुछ लोगों की वजह से क्या आप पूरे मुल्क को गलत ठहरा सकते हैं? क्या एक इंसान को दोषी ठहरा सकते हैं? बकौल कांग्रेसी नेता, “यह हमला कायरता की निशानी है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। हिंसा की हमेशा निंदा होनी चाहिए और जिनकी गलती है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।” सिद्धू का यही बयान सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक कई लोगों को पसंद नहीं आया था, जिसके चलते कपिल के शो से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।