जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले में 7 मजदूरों की मौत हो गई है। जबकि 5 गंभीर रूप से घायल हैं। इस आतंकी घटना ने कई नई कहानियों को जन्म दिया है। चूंकि हाल में ही घाटी में उमर अब्दुल्ला की सरकार बनी है और सरकार बनने के तुरंत बाद आतंकी हमला होना इसका प्रमाण है। इसके साथ ही साल 2024 में अब तक आतंकी जम्मू इलाके को ही टारगेट कर रहे थे। लेकिन इस बार जम्मू से हटकर कश्मीर में हमला किया है। इसके साथ ही आतंकियों ने पहली बार कश्मीर में विकास परियोजनाओं पर हमला किया है। इसके पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी।
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी Z-Morh Project श्रीनगर-सोनमर्ग टनल पर काम चल रहा है। इस दौरान गांदरबल इलाके में बीती रात करीब 8.30 पर यह हमला हुआ। ये हमला हुआ उस दौरान जब टनल में काम करने वाले मजदूर खाना खाने के लिए मेस में एकत्रित हुए थे। खाने खाने के दौरान ही तीन आतंकी मेस में घुसे और अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। जब मजदूर कुछ समझ पाते तब तक आतंकी अपना काम करके वहां से फरार हो गए। इस हमले में 7 की मौत को गई जबकि पांच लोग घायल हैं।
आतंकियों ने एक बार फिर से जानबूझकर दूसरे राज्यों से काम करने आए मजदूरों को निशाना बनाया है। इस हमले में मारे गए मजदूरों में से 3 बिहार और एक मध्य प्रदेश के हैं। जबकि एक-एक जम्मू, कश्मीर और पंजाब के हैं। इसके कुछ दिन पहले ही आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी को मौत के घाट उतार दिया था।
दस साल में पहली बार हुई घटना
आतंकी संगठन टीआरएफ यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट का नाम इस आतंकी हमले को लेकर सामने आ रहा है। इस साल ये टीआरएफ का पहला आतंकी हमला है। इससे पहले इस संगठन ने जम्मू में आतंकी हमला किया था। वहीं जिस इलाके में ये आतंकी घटना हुई है। वहीं बीते दस सालों में पहली बार कोई आतंकी घटना हुई है।
यह पहली बार है जब आतंकियों ने सरकार द्वारा की जा रही विकास परियोजनाओं पर हमला किया हो। इसके साथ ही इस हमले में लोकल और अन्य राज्यों के लोगों को निशाना बनाया गया है। बताया जा रहा है कि ये हमला आतंकियों ने सरकार के मनोबल को तोड़ने और कर्मचारियों को डराने के इरादे से किया गया है। दरअसल जिस टनल के पास यह आतंकी घटना हुई है। वह रोड हर समय के लिए मानी जाती है।
वहीं इस टनल का निर्माण पिछले कुछ सालों से चल रहा है। यह रोड लेह को गांदरबल से कनेक्ट करती है।