सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर को तमिलगा वेत्री कषगम (TVK) प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली के दौरान करूर में हुई भगदड़ की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इस हादसे में 41 लोग मारे गए और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने घटना की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने का भी आदेश दिया है। इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी करेंगे।

भारी भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था की कमी के कारण यह त्रासदी हुई। करूर में हुई रैली में विजय लोगों को संबोधित कर रहे थे। भीड़ अचानक बेकाबू हो गई और कई लोग, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, गिरकर घायल हो गए। कुछ लोग बेहोश हो गए और इस दौरान हड़कंप मच गया। हादसे के बाद मौके पर उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं ने शोर मचाया। विजय ने भीड़ को संभालने के लिए अपना भाषण रोक दिया और प्रचार बस के ऊपर से लोगों तक पानी की बोतलें पहुंचाने की कोशिश की। यह देखकर भीड़ को कुछ हद तक शांत किया गया।

तमिलनाडु सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की थी। घायल लोगों का इलाज स्थानीय अस्पतालों में कराया गया था। विजय तमिल सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता रहे हैं और अब राजनीति में उतर चुके हैं। उनकी रैलियों में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। TVK ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाग लेने की भी घोषणा की है।

इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन के महत्व को फिर से उजागर किया है। सीबीआई जांच का मकसद है कि हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाया जाए और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस जांच को पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष रखने का निर्देश दिया है। इस तरह, करूर भगदड़ ने राज्य में राजनीतिक रैलियों और सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।