Karnataka MLC ByPolls: कर्नाटक में कांग्रेस ने राज्य विधान परिषद को लेकर 30 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, मंत्रियों एनएस बोसराजू और तिप्पनप्पा कामकनूर को मैदान में उतारा है।
लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने हुबली-धारवाड़ सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि वह चुनाव हार गए थे। शेट्टार के अलावा कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री एनएस बोसराजू और तिप्पनप्पा कामाकनूर को भी उम्मीदवार बनाया है।
30 जून को होगा उपचुनाव
कर्नाटक विधान परिषद की तीन सीटों पर 30 जून को उपचुनाव होना है। यह सीटें हाल ही में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सदस्य बाबूराव चिंचनसुर, आर शंकर और लक्ष्मण सावदी के इस्तीफे से खाली हुई हैं। इनमें से सावदी ने ही चुनाव जीता था, बाकी दोनों नेता चुनाव हार गए थे। नए एमएलसी का चुनाव विधायक करेंगे।
AICC ने जारी किया बयान
एआईसीसी ने अपने एक बयान में कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधायकों द्वारा चुने जाने वाले कर्नाटक विधान परिषद के उपचुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों के रूप में निम्नलिखित व्यक्तियों की उम्मीदवारी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है- जगदीश शेट्टार (14.06.2028 तक का कार्यकाल), तिप्पनप्पा कामकनूर (30.06.2026 तक का कार्यकाल) और एनएस बोसराज (17.06.2024 तक का कार्यकाल) रहेगा।
शेट्टार ने जुलाई 2012 से मई 2013 तक 10 महीनों के लिए मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा सरकार का नेतृत्व किया। उन्होंने विपक्ष के नेता और विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद वह विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस ने उन्हें उनके हुबली-धारवाड़ मध्य निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा था। छह बार के विधायक शेट्टार को भाजपा के महेश तेंगिनाकाई हराया था। शेट्टार को 36.31 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। वहीं बोसराजू, जिनके पास कर्नाटक सरकार में लघु सिंचाई और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभागों का प्रभार है और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी हैं।
जगदीश तीन बार कर्नाटक सरकार में मंत्री रह चुके हैं और तीनों ही बार वह येदियुरप्पा सरकार में मंत्री बने थे। इसके अलावा जगदीश करीब 14 महीनों के लिए कर्नाटक विधानसभा के विधानसभा अध्यक्ष भी बने थे। हालांकि इसके बाद उन्होंने इस्तीफा देकर फिर से मंत्री पद ग्रहण कर लिया था। जगदीश दो बार कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता का किरदार भी निभा चुके हैं।