कर्नाटक विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को स्वतंत्रता सेनानी एच एस दोरेस्वामी पर भाजपा विधायक बी पी यत्नाल की ‘‘अभद्र’’ टिप्पणी के बाद भारी हंगामा हुआ। सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर चला। विपक्षी दलों ने सदन के अध्यक्ष के आसन के पास जाकर उक्त मुद्दे को उठाने की अनुमति मांगी, जिसके कारण कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

भाजपा विधायक यत्नाल ने हाल ही में कहा था कि दोरेस्वामी ‘‘नकली स्वतंत्रता संग्राम सेनानी’’ और ‘‘पाकिस्तानी एजेंट’’ हैं। यत्नाल की इन टिप्पणियों के बाद विपक्षी दलों ने उनकी कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस यत्नाल की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया द्वारा बिना पूर्व सूचना दिए मुद्दे को उठाने की मांग का सत्तारूढ़ भाजपा ने विरोध किया। सिद्धारमैया ने कहा कि दोरेस्वामी एक स्वतंत्रता सेनानी हैं, जो देश के लिए जाने जाते हैं और यत्नाल के उनके खिलाफ “अपमानजनक” टिप्पणी कर स्वतंत्रता सेनानियों और देश के स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान किया है।

सदन में अध्यक्ष के आसन के पास विपक्षी दलों द्वारा नारे लगाए जाने के बीच मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर दिया। विधानमंडल के संयुक्त सत्र में धन्यवाद प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

हंगामों के बीच रायचूर विश्वविद्यालय की स्थापना पर द कर्नाटक स्टेट यूनिवर्सिटीज़ (अमेंडमेंट) बिल, 2020 सहित सर्व शिक्षा क्षेत्र विकास प्राधिकरण बिल और कर्नाटक रेगुलेशन ऑफ़ पे एंड टीचर ऑफ हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस बिल, 2020 सहित आठ बिलों को पेश किया गया।

कांग्रेस नेताओं के अनुसार, यत्नाल की टिप्पणी संविधान का उल्लंघन है क्योंकि दोरेस्वामी जैसे स्वतंत्रता सेनानी का अपमान करते हुए, उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान किया था, जो “मौलिक कर्तव्यों का उल्लंघन है।” यत्नाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोरेस्वामी के खिलाफ दिया गया बयान वे वापस नहीं लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वीर सावरकर के खिलाफ कथित टिप्पणियों के लिए कांग्रेस और स्वतंत्रता सेनानी पर सवाल उठाते हुए यत्नाल के बचाव में कई भाजपा विधायक सामने आ गए।