जनता जिन पर भरोसा करके अपनी बागडोर सौंपती है वो सार्वजनिक मंचों पर कैसे बर्ताव करते हैं उसकी एक शर्मनाक तस्वीर कर्नाटक के रामनागर में दिखाई दी। एक सरकारी प्रोग्राम के दौरान बीजेपी के मंत्री सीएन अश्वथ नारायण और कांग्रेस के सांसद डीके सुरेश के बीच जमकर बवाल हुआ। बात इतनी ज्यादा बढ़ी कि मंत्री व सांसद एक दूसरे के आमने-सामने आ गए। दोनों के बीच हाथापाई की नौबत तक आती दिखी। उस वक्त मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी मंच पर मौजूद थे। लेकिन किसी ने उनकी परवाह नहीं की।

सरकार ने ये प्रोग्राम डॉ. बीआर अंबेडकर और बेंगलुरु के संस्थापक केम्पेगौड़ा की प्रतिमाओं के अनावरण के लिए आयोजित किया गया था। सीएम बोम्मई पहली बाक रामनागर गए थे। विवाद तब हुआ जब कांग्रेस के सांसद डीके सुरेश ने बीजेपी मंत्री के भाषण पर आपत्ति जताई। पहले दोनों के बीच जमकर बहस हुई। फिर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए। यहां तक कि जवानों को बीचबचाव के लिए आगे आना पड़ा। कुछ नेता भी इसमें कूदते दिखे। विवाद में कांग्रेस के बेंगलुरु ग्रामीण के एमएलसी एस रवि भी कूद गए। रवि ने नारायण को बोलने से रोकने के लिए माइक फेंकने की कोशिश भी की।

हालांकि, विवाद के बाद सीएम बोम्मई ने कहा कि वह विकास में योगदान देने आए हैं और लोगों से राजनीति को विकास के साथ नहीं मिलाने का आग्रह किया। उधर, कर्नाटक भाजपा ने विपक्षी दल को नसीहत देते हुए लिखा- कांग्रेस संस्कृति गुंड संस्कृति का कोई अन्य उदाहरण नहीं है। यह विडंबना है कि एक सांसद राज्य के मुख्यमंत्री के मंच पर कार्य करना नहीं जानता। यह है निंदनीय है कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता यथा राजा तथा प्रजा की तरह काम कर रहे हैं। वो किसी को कुछ नहीं समझते हैं।

उधर, सोशल मीडिया पर विवाद को लेकर लोग गुस्से से भड़कते दिखे। एक यूजर ने कहा कि बीजेपी को किस बात का घमंड है। उन्हें बड़ा दिल दिखाना चाहिए था। तो एक ने पलटवार करते हुए कहा कि सबने देखा कि कौन मंत्री की तरफ आक्रामक तेवर लेकर बढ़ रहा था। दोष किसका है सबको पता है। लेकिन कुछ लोगों को गलती मानने में तकलीफ होती है।

डा. आरपी शर्मा ने दोनों को नसीहत दी। उनका कहना था कि ये क्या हो रहा है? दो चवन्नी का काम करेंगे और उसमें भी क्रेडिट लेने की होड़ लग जाती है। जनता तो बस …ही है। जैसे कुछ दिख नहीं रहा है उसको। मैं तो कहता हूँ की जनता को इन दोनों व्यक्तियों के पिछवाड़े लात मार के स्टेज से भगा देना चाहिए थे। ये स्टेज पै बैठे CM की भी बेइज्जती है।