Subedar Major Tsewang Murop Dies: कारगिल युद्ध के हीरो वीर चक्र से सम्मानित सूबेदार मेजर त्सेवांग मुरोप का एक सड़क हादसे में निधन हो गया। यह सड़क दुर्घटना बीती रात लेह के पास हुई। अधिकारियों ने रविवार (2 अप्रैल, 2023) को घटना की जानकारी दी। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली ने कारगिल युद्ध के नायक के निधन पर शोक व्यक्त किया।

फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली ने भी भारतीय सेना की ओर से उनके घर जाकर शोक संवेदना व्यक्त की। राशिम बाली ने उनके पिता अशोक चक्र (सेवानिवृत्त) से सम्मानित नायब सूबेदार चेरिंग मुतोप सहित पूरे परिवार से मुलाकात की।

फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया गया कि फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स को वीर चक्र से सम्मानित बहादुर सूबेदार मेजर त्सेवांग मोरुप के दुखद निधन पर गहरा अफसोस है। इस बीच, सेवारत और सेना के पूर्व जवानों ने सोशल मीडिया पर सूबेदार मेजर त्सेवांग मुरोप को श्रद्धांजलि दी है।

सूर्य चक्र से सम्मानित मेजर पवन कुमार (रिटायर्ड) ने कारगिल युद्ध के हीरो सूबेदार मेजर त्सेवांग मुरोप के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हमने सूबेदार मेजर त्सेवांग मुरोप, वीर चक्र से सम्मानित और कारगिल युद्ध के हीरो को खो दिया है। दुख की इस घड़ी में भगवान उनकी आत्मा को शांति दे’।

कारगिल युद्ध 8 मई, 1999 और 26 जुलाई, 1999 के बीच पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ लड़ा गया था। जो 1998 की सर्दियों में एलओसी को पार करके भारतीय क्षेत्र में घुस गए थे और कई चौकियों पर कब्जा कर लिया था। इस युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ अभियान चलाकर घुसपैठियों को खदेड़ने में सफलता हासिल की थी। साथ ही टाइगर हिल और अन्य चौकियों पर फिर से कब्जा कर तिरंगा फहराया था।

26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। इस दिन को हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का उदाहरण है, जिस पर हर भारतीय देशवासी को गर्व होना चाहिए। करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था। वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे। युद्ध में 2700 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 250 पाकिस्तानी सैनिक जंग छोड़ के भाग गए थे।