Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस भारत के 140 करोड़ लोगों को गर्व महसूस कराने वाला दिन है। हर साल 26 जुलाई को यह दिन पूरा देश सेलिब्रेट करता है। इस दिन 1999 में कारगिल युद्ध में भारत ने पाकिस्तान धूल चटा दी थी। हालांकि, इस युद्ध में एक वाकया ऐसा भी था जिससे बहुत सारे लोग परिचित नहीं होंगे। कारगिल युद्ध में परवेज मुशर्रफ और नवाज शरीफ की भी जान जा सकती थी।

भारत सरकार के दस्तावेजों से पता चलता है कि 24 जून 1999 को करीब सुबह का ही समय था और लड़ाई भी अपने चरम पर थी। भारतीय वायुसेना के एक जगुआर लड़ाकू विमान ने एलओसी पर पाकिस्तान के एक फॉरवर्ड मिलेट्री बेस पर टारगेट सेट कर लिया था और उसके पीछे आ रहे जगुआर को बमबारी करनी थी, लेकिन दूसरे जगुआर का निशाना चूक गया और उसने लेजर बॉस्केट से बाहर बम गिराया। इसकी वजह से पाकिस्तानी ठिकाना बच गया। अगर दूसरे जगुआर के निशाने में चूक नहीं हुई होती तो पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ और जनरल परवेज मुशर्रफ मारे जाते। हालांकि, पायलट को इस बात की जानकारी नहीं थी कि परवेज मुशर्रफ और नवाज शरीफ वहां पर मौजूद थे।

सेना को संबोधिक करने पहुंचे थे नवाज शरीफ और मुशर्रफ

अगले दिन सभी को इस बात की जानकारी हुई कि पाकिस्तान के इस मिलेट्री बेस पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ आए हुए थे। करगिल युद्ध के समय नवाज शरीफ और मुशर्रफ इस फॉरवर्ड बेस पर सैनिकों को संबोधित करने पहुंचे थे। साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने वायुसेना को एलओसी पार ना करने की भी हिदायत दी थी।

पाकिस्तानी घुसपैठ के बारे में कैसे हुई जानकारी

साल 1999 में जम्मू कश्मीर के कारगिल में घुसपैठ कर पाकिस्तानी सेना के सैनिकों ने कई सारे ठिकाने बना लिए थे। पाकिस्तानी जवानों ने देखा कि भारत के चरवाहे अपने भेड़ और बकरियों को चरा रहे हैं। उन्होंने आपस में चर्चा की थी कि इनको पकड़ कर बंदी बना लिया जाए। हालांकि, उन्होंने सोचा कि अगर इनको पकड़ लिया तो यह हमारा सारा का सारा राशन खा जाएंगे। पाकिस्तानी सैनिकों ने उनको जाने दिया। इस बात की जानकारी फिर चरवाहों ने इंडियन आर्मी को दी और फिर पाकिस्तान की चाल का खुलासा हो गया। इससे संबंधित विस्तृत खबर के लिए यहां पर क्लिक करें…

शुरुआत में भारतीय सेना ही नहीं बल्कि सरकार को भी इस कब्जे वाली बात पर यकीन नहीं हो रहा था। ऐसा इस वजह से था क्योंकि कुछ ही समय पहले तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान जाकर लाहौर में गर्मजोशी के साथ शांति और विकास के साथ कई सारे समझौते किए थे। हालांकि, इस बात की खुफिया जानकारी मिलने के बाद अपनी खास प्लानिंग के साथ पाकिस्तानी सेना को भारत ने खदेड़ दिया।

भारत ने पाकिस्तानी सैनिकों को चटाई धूल

कारगिल युद्ध में भारत ने भी अपना बहुत कुछ गंवाया, लेकिन पाकिस्तान को पूरी तरह से तबाह कर दिया। इस जंग में भारत के करीब 527 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, पाकिस्तान के 2700 से लेकर 4000 सैनिकों की जान चली गई थी। इतना ही नहीं भारत ने पाकिस्तान को दोहरी मार दी। एलओसी के अलावा समुद्र में भी पाकिस्तान की नाकेबंदी कर दी। इसके अलावा पाकिस्तान के समुद्री व्यापार पर भी गहरा असर हुआ। नवाज शरीफ ने इस बात को मान लिया था कि अगर भारत के साथ में युद्ध अगर कुछ और दिन चला होता तो केवल छह दिन का तेल बचा हुआ था।