सोमवार (3 अप्रैल) को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हीरक जयंती समारोह को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम ने कहा था कि सीबीआई किसी भी भ्रष्ट इंसान को ना बख्शे।
पीएम के इस बयान का जवाब देते हुए अब राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने दावा किया कि यूपीए शासन के तहत भ्रष्टाचार के मामलों में सजा की संख्या अधिक थी।
पूर्व कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर एक आंकड़ा पेश किया। उन्होने बताया कि 2013 में 1136 व्यक्तियों को भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराया गया था। 2014 में यह आंकड़ा 993 था। 2015 में 878 और 2016 तक सिर्फ 71 था। कपिल सिब्बल ने लिखा कि यूपीए के दौरान भ्रष्टाचारियों की सजा ज्यादा थी। यह इंगित करते हुए कि तथ्य झूठ नहीं बोलते, सिब्बल ने पूछा “भ्रष्टों की रक्षा कौन कर रहा है?”
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा था?
सोमवार को सीबीआई के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि दशकों से भ्रष्टाचार से फायदा उठाने वालों ने एक इकोसिस्टम बनाया है। जो जांच एजेंसियों को टार्गेट करता है। लेकिन एजेंसियों को इससे परेशान नहीं होना चाहिए और अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। पीएम ने कहा “आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है। आपको संकोच करने और रुकने की जरूरत नहीं है। मुझे पता है कि सरकार और व्यवस्था का हिस्सा होने के कारण कई वर्षों से बहुत शक्तिशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
अडाणी के मुद्दे पर घिरी हुई भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ एक वीडियो सिरीज़ शुरू की है। जिसे कांग्रेस फाइल्स का नाम दिया गया है। भाजपा का दावा है कि इसके जरिए वह कांग्रेस के करप्शन की पोल खोलने का काम करेंगे।
कपिल सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। हाल ही में, उन्होंने अन्याय से लड़ने के उद्देश्य से एक गैर-चुनावी मंच ‘इंसाफ’ शुरू किया है।