दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा को जीतेंद्र सिंह तोमर के स्थान पर बुधवार को दिल्ली सरकार का नया कानून मंत्री नामित किया गया। पहली बार विधायक बने मिश्रा ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल से भेंट हुई थी और मुझे इस बारे में बताया गया’।
पहली बार विधायक बने मिश्रा ने कहा, ‘‘मेरी अरविंद जी :केजरीवाल: से भेंट हुई थी और मुझे इसके बारे में :कानून मंत्री नियुक्त करने के बारे में: बताया गया। ’’
इस पद के लिए जिन अन्य नामों पर चर्चा हुई, उनमें चांदनी चौक की विधायक अल्का लांबा, पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती (मालवीय नगर) और नजफगढ़ के विधायक कैलाश गहलोत शामिल हैं।
इस साल जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी तब भी 34 वर्षीय मिश्रा का नाम मंत्री पद के लिए चर्चा में था। हालांकि उन्हें दिल्ली जल बोर्ड का उपाध्यक्ष बना दिया गया था।
केजरीवाल के पक्के समर्थक समझे जाने वाले मिश्रा इंडिया एगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के दिनों से उनके साथ जुड़े हैं।
जब योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने पार्टी नेतृत्व के विरूद्ध बगावत छेड़ी थी तब मिश्रा सभी विधायकों से केजरीवाल का समर्थन करने की अपील करते हुए हस्ताक्षर अभियान में आगे रहे थे।
एक इंटरनेशनल संगठन से जुड़े रहे मिश्रा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 44000 से अधिक वोटों के अंतर से करावल नगर सीट जीती थी और उन्होंने विधानसभा में संस्कृत में शपथ ली थी।
तोमर को स्नातक और विधि के अंकपत्रों एवं माइग्रेशन सर्टिफिकेट में कथित रूप से फर्जीवाड़ा करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था। उन्हें कल अदालत ने चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
उन्होंने कल रात हाजत से ही अपने वकील के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेजा, जिसे स्वीकार कर लिया गया।