कानपुर एनकाउंटर के बाद भी पुलिस का लापरवाही भरा रवैया सामने आया है। विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद में दबिश दी, वहां विकास दुबे तो नहीं मिला लेकिन उसके कुछ साथियों को पुलिस ने धर दबोचा। इन्हीं में विकास दुबे का खास साथी प्रभात मिश्रा भी था।

पुलिस जब इसे कानपुर ला रही थी तो रास्ते में पुलिस की गाड़ी पंक्चर हो गई। इस दौरान प्रभात ने पुलिस की बंदूक छीन कर उन पर फायरिंग कर दी। हालांकि इस दौरान पुलिस को जान माल का नुकसान नहीं हुआ। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने प्रभात को मार गिराया। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस पर लोग सवाल उठा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पुलिस की मुस्तैदी कैसी है कि अपराधी उनका हथियार छीनकर उन पर ही फायरिंग कर दे रहे हैं।

आईजी मोहित अग्रवाल ने प्रभात मिश्रा के एनकाउंटर के बारे में बताते हुए कहा कि पुलिस टीम प्रभात को लेकर फरीदाबाद से आ रही थी।लेकिन रास्ते में गाड़ी पंक्चर हो गई इसी दौरान प्रभात पुलिस का हथियार छीनकर भागने लगा। गोलाबारी में प्रभात के पैर में गोली लगी बाद में उसकी मौत हो गई। बता दें कि प्रभात मिश्रा के अलावा गुरुवार को ही एक एनकाउंटर में रणबीर शुक्ला को भी मार गिराया गया।

विकास दुबे गिरफ्तार: बहरहाल यूपी पुलिस के लिए राहत की बात यह है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले हफ्ते आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया गया है।

दुबे को महाकालेश्वर मंदिर के पास से गिरफ्तार किया गया है। कहा जा रहा है कि विकास दुबे सरेंडर करने के मकसद से ही उज्जैन आया था। उसने न केवल महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए 250 रुपये का वीआईपी दर्शन का टिकट कटवाया बल्कि उस पर अपना सही नाम भी लिखवाया और सही मोबाइल नंबर भी दर्ज करवाया।