जेएनयू में जारी विवाद के बीच यह खुलासा हुआ है कि देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे छात्रसंघ अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार पर एक छात्रा से अभद्र व्यवहार करने और उसे धमकाने के आरोप में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पिछले साल जुर्माना लगाया था।

घटना बीते साल 10 जून की है। उस वक्‍त कन्‍हैया छात्रसंघ अध्‍यक्ष नहीं थे। छात्रा ने कन्‍हैया को कैंपस के अंदर खुले में पेशाब करने से रोका था। यह छात्रा अब दिल्‍ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाती है। छात्रा का आरोप है कि जब उसने आपत्‍त‍ि जताई तो कन्‍हैया ने उसके साथ ‘अभद्र व्‍यवहार’ किया। यह भी आरोप लगाया कि कन्‍हैया ने उसे ‘सायकोपैथ’ करार दिया और गंभीर परिणाम झेलने की चेतावनी दी। छात्रा की ओर से शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद जेएनयू प्रशासन ने एक प्रॉक्‍टोरियल जांच कराई, जिसमें कन्‍हैया को दोषी पाया गया।

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तत्‍कालीन चीफ प्रॉक्‍टर कृष्‍ण कुमार की ओर से 16 अक्‍टूबर 2015 को जारी आदेश के मुताबिक, ”यह हरकत गंभीर है और जेएनयू के स्‍टूडेंट के अनुकूल नहीं है। इसमें उसके (कन्‍हैया) खिलाफ कड़ी अनुशासनात्‍मक कार्रवाई होनी चाहिए।…उसके करियर को ध्‍यान में रखते हुए वाइस चांसलर ने इस मामले में नर्म रुख अपनाया। कन्‍हैया पर 3000 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। उन्‍हें चेतावनी दी जाती है कि भविष्‍य में वे ऐसी किसी गतिविधि में शामिल न हों अन्‍यथा उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्‍मक कार्रवाई की जाएगी।”

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छात्रा ने बिना हस्‍ताक्षर वाला यूनिवर्सिटी का आदेश सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसके साथ ही कन्‍हैया पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे एक फर्जी क्रांतिकारी हैं जो महिलाओं के सम्‍मान कायम रखने के बारे में दावे करते हैं। वहीं, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक बयान में इस बात की पुष्‍ट‍ि की कि यह लेटर प्रमाणिक है और इस छात्रनेता पर कार्रवाई की गई थी। छात्रा ने एक ओपन लेटर में लिखा है, ”मैं यह देखकर दुखी हूं कि कैसे मेरी जेएनयू कम्‍युनिटी फर्जी क्रांति दिखाने के लिए इकट्ठा हुई है। मैं पूछना चाहती हूं कि क्‍या आप किसी महिला के डिग्‍न‍िटी का डी भी समझते हैं मिस्‍टर कन्‍हैया। पब्‍ल‍िक में प्राइवेट पार्ट बाहर निकालना और सड़क पर पेशाब करना, क्‍या महिलाओं का सम्‍मान बनाए रखने का यही आपका तरीका है? मैं यह देखकर हैरान हूं कि कन्‍हैया जैसे महिला विरोधी को क्रांतिकारी के तौर पेश किया जा रहा है।”

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हालांकि, कन्‍हैया के छात्र संगठन ने बयान जारी करके कहा, ”कन्‍हैया की छवि खराब करने के लिए खुले में पेशाब करने और धमकी देने का आरोप लगाया जा रहा है। लड़की और कन्‍हैया में मौखिक बहस हुई हुई थी जिसके बाद शिकायत दर्ज कराई थी। हम लड़की द्वारा कन्‍हैया की आलोचना करने का स्‍वागत करते हैं। हालांकि, हमारा यह कहना है कि कन्‍हैया हमेशा से लैंगिक समानता के पक्ष में खड़ा रहा है। इसके अलावा, जब यह घटना हुई तो वो छात्रसंघ अध्‍यक्ष भी नहीं था।”