भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को पार्टी नेतृत्व ने इस बार बेगूसराय से टिकट दिया है, लेकिन पार्टी नेतृत्व के इस फैसले से गिरिराज सिंह नाराज हैं। गिरिराज सिंह ने यहां तक कह दिया है कि इससे उन्हें दुख पहुंचा है और वह अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं करेंगे। वहीं गिरिराज सिंह के इस बयान पर बेगूसराय से सीपीआई उम्मीदवार और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है। कन्हैया ने लिखा कि गिरिराज सिंह बेगूसराय को वणक्कम (नमस्कार) कह गए हैं। बता दें कि गिरिराज सिंह ने 2014 का लोकसभा चुनाव नवादा सीट से लड़ा था और वहां से शानदार जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी ने उन्हें बेगूसराय से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है।
इस पर गिरिराज सिंह ने कहा कि “बिहार में किसी अन्य सांसद की सीट नहीं बदली गई, इससे मेरा आत्म सम्मान आहत हुआ है। सीट बदलने का फैसला मुझसे बात किए बिना लिया गया। राज्य भाजपा नेतृत्व को मुझे इस बात की जानकारी देनी चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ। मेरे मन में बेगूसराय के खिलाफ कुछ नहीं है, लेकिन मैं अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर सकता।” गिरिराज सिंह के इस बयान पर सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने करारा तंज कसते हुए कहा ट्वीट किया है कि ‘बताइए, लोगों को जबरदस्ती पाकिस्तान भेजने वाले पाकिस्तान टूर एंड ट्रैवल्स विभाग के वीजा मंत्री जी नवादा से बेगूसराय भेजे जाने पर हर्ट हो गए। मंत्री जी ने तो कह दिया ‘बेगूसराय को वणक्कम’।’ बता दें कि गिरिराज सिंह ने साल 2014 में दिए गए अपने एक बयान में कहा था कि ‘जो लोग नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं, वो पाकिस्तान चले जाएं।’ गिरिराज सिंह के इस बयान को आधार बनाते हुए ही कन्हैया कुमार ने ताजा ट्वीट किया है।
Giriraj Singh, BJP: My self respect is hurt that no other MP’s seat was changed in Bihar. It was decided without talking to me. State BJP leadership should tell me why was it done. I’ve nothing against Begusarai but I can’t compromise with my self respect. #LokSabhaElection2019 pic.twitter.com/g7ld6k3myF
— ANI (@ANI) March 25, 2019
बिहार में कांग्रेस-राजद गठबंधन में जगह नहीं मिलने के बाद भारतीय कम्यूनिसट पार्टी (भाकपा) ने बिहार की बेगूसराय सीट से कन्हैया कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है। उल्लेखनीय है कि बेगूसराय को वामपंथ का गढ़ माना जाता है और इसे बिहार के ‘लेनिनग्राड’ के नाम से भी जाना जाता है। बेगूसराय में वामपंथ के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के बावजूद सीपीआई ने बेगूसराय में 17 प्रतिशत वोट हासिल किए थे और पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी। वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में सीपीआई उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहा था। ऐसे में माना जा रहा है कि यही वजह है कि गिरिराज सिंह बेगूसराय से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं!