यात्रियों को सुविधाओं और सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने पर्यटकों को खास तोहफा दिया है। हिमाचल प्रदेश की वादियों की प्राकृतिक सुंदरता को करीब से और हर तरफ से महसूस करने के लिए कालका-शिमला नैरो गेज रेल के डिब्बों में खास बदलाव किए गए हैं। रेल के डिब्बों को विस्टाडोम कोच में तब्दील किया गया है। हसीन वादियों का लुत्फ लेने के लिए कोच की छत कांच की बनाई गई है। विस्टाडोम कोच वाली कालका-शिमला रेल ने रविवार (11 नवंबर) को पहली यात्रा की। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। रेल मंत्री ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, ”विस्टाडोम कोच से लैस कालका-शिमला रेल ने आज अपनी पहली यात्रा की। यात्री अब नए रूपांतरित कांच की छत वाले कोच के जरिये शानदार लैंडस्केप का लुत्फ बेहतर तरीके से ले सकते हैं।” बता दें कि यह दूसरी दफा है जब भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए ट्रेन के डिब्बों में यह खास परिवर्तन किया है।
पिछले वर्ष विशाखापट्टनम और अरकू वैली के बीच चलने वाली ट्रेन के डिब्बों को विस्टाडोम कोच में बदला गया था। कालका-शिमला रेल में कांच की छत के अलावा घूमने वाली सीटें, बायो वैक्यूम टॉयलेट्स जैसी दूसरी सुविधाएं भी हैं। इन कोच को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यात्री पूरी तरह से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका में कोलंबो और कैंडी के बीच भी ऐसे ही कोच वाली ट्रेन चलती है। श्रीलंका की इस ट्रेन के बारे में कहा जाता है कि डेढ़ घंटे की दूरी यह तीन घंटे में पूरी करती है।
ट्रेन इसलिए धीमी गति से चलाई जाती है ताकि पर्यटक तसल्ली से यात्रा का आनंद ले सकें और नयनाभिराम दृश्यों अपनी यादों में इस तरह सहेज सकें ताकि कभी न भूलें। विस्टाडोम कोच इस तरह डिजाइन किया जाता है कि पर्यटकों को लगे कि वे एकदम खुली हवा में सफर कर रहे हैं। मजे की बात यह भी है कि कांच की छत को बिजली के एक स्विच की मदद से अपारदर्शी छत में भी नियंत्रित किया जा सकता है।
The Kalka – Shimla Rail, equipped with a Vistadome Coach, ran its first trial trip today. Passengers can now soak in the aesthetic landscape with better vision through the glass top ceiling of the newly converted coach. pic.twitter.com/qzFRzwczNq
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) November 10, 2018