Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को घड़ी चुनाव चिह्न को लेकर शरद पवार बनाम अजित पवार गुट को लेकर सुनवाई हुई। हैरानी तब हुई जब इस सुनवाई के दौरान अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जिक्र छिड़ गया।
दरअसल, शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट पर आरोप लगाया कि इसने अखबारों में घड़ी चुनाव चिह्न पर कोर्ट के आदेशानुसार डिस्क्लेमर देने में लापरवाही की है। इस पर कोर्ट ने अखबार पेश करने के लिए कहा।
जस्टिस सूर्यकांत ने अखबार देखते हुए कहा कि एक विज्ञापन तो डोनाल्ड ट्रंप की फोटो के ठीक नीचे ही है। इस पर शरद पवार गुट की तरफ से पेश सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शुक्र है उन्होंने यहां से पर्चा नहीं दाखिल किया। इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट बेंच ने मुस्कराते हुए कहा कि हम किसी अन्य न्याय क्षेत्र के बारे में यहां टिप्पणी नहीं करेंगे।
पूरा मामला क्या?
पूरा मामला क्या?
एनसीपी में बंटवारे के बाद घड़ी चुनाव चिह्न अजित पवार को गुट को मिला था। इस पर शरद पवार गुट ने आपत्ति जताते हुए केस दाखिल किया था। मामला जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच में है। बेंच शरद पवार गुट द्वारा दायर आवेदन पर विचार कर रही थी, जिसमें अजित पवार गुट को आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में ‘घड़ी’चिह्न का उपयोग करने से रोकने की मांग की गई। इस आवेदन के जरिए शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नए चिह्न के लिए आवेदन करने का निर्देश देने की मांग की।
बता दें, 19 मार्च और 4 अप्रैल को लोकसभा चुनाव से पहले कोर्ट ने एनसीपी को सभी प्रचार सामग्री में यह डिस्क्लेमर शामिल करने का निर्देश दिया कि ‘घड़ी’ चिह्न का इस्तेमाल मुकदमे के नतीजे के अधीन है। पिछली तारीख (24 अक्टूबर) को कोर्ट ने अजित पवार को यह अंडरटेकिंग दाखिल करने का निर्देश दिया कि राज्य विधानसभा चुनाव में भी पिछले आदेशों का पालन किया जाएगा। इसके अलावा बेंच ने मौखिक रूप से चेतावनी दी कि अगर उसके आदेशों का उल्लंघन किया गया तो वह स्वत: अवमानना का मामला दर्ज करेगी।
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इस पर NCP प्रमुख अजित पवार ने बुधवार (6 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया कि 36 घंटे के भीतर वह मराठी दैनिकों सहित अखबारों के प्रमुख खंडों में एक अस्वीकरण प्रकाशित करेंगे। जिसमें कहा जाएगा कि एनसीपी द्वारा घड़ी के चिह्न का उपयोगा अभी भी एक विचाराधीन मामला है।
ताजा मामला अखबारों में प्रकाशित उसी अस्वीकरण से जुड़ा था। शरद पवार गुट का कहना है कि अस्वीकरण प्रकाशित करने में लापरवाही हुई है। शरद पवार गुट के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि अजित पवार गुट बार-बार शरद पवार का नाम लेकर मतदाताओं को भ्रमित करते रहते हैं।