सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कश्मीर में सेना की गोलीबारी में 7 नागरिकों की मौत पर तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने सेना की इस कार्रवाई की तुलना स्वतंत्रता पूर्व जलियांवाला बाग नरसंहार से की। काटजू ने ट्वीटर पर अपने गुस्से का इजहार किया है और आर्मी चीफ की तुलना जनरल डायर से कर डाली।
काटजू ने ट्वीट किया ,”भारतीय सेना को शाबाशी देनी चाहिए। जिस तरह से जनरल डायर ने जलियांवाला बाग और लेफ्टिनेंट कैली ने वियतनाम के माई लाई में किया, वैसे कश्मीर में भारतीय सेना ने लोगों को मारना शुरू कर दिया है। सभी भारतीय सैन्य अफसरों और सैनिकों को भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए।”
https://twitter.com/mkatju/status/1074308081528569856
एक दूसरे ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ने कहा, “जनरल रावत को बधाई हो, जिनके जवानों ने जलियांवाला और माई लाई नरसंहार की तर्ज पर कश्मीर के पुलवामा 7 नागरिकों को मार डाला। आप कितने बहादुर हैं भारतीय सेना के प्रमुख!”
Congratulations to Gen Rawat whose soldiers killed 7 civilians in a Jallianwalabagh or My Lai type massacre in Pulwama, Kashmir
How brave of the Indian army General !@rwac48 @Vedmalik1 @atahasnain53 @majorgauravarya @adgpi— Markandey Katju (@mkatju) December 16, 2018
पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने जिन जलियांवाला बाग हत्याकांड और माई लाई नरसंहार का जिक्र अपने ट्वीट में किया है, वो इतिहास के क्रूरतम सैन्य कार्रवाई में स्थान रखते हैं। 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग में निहत्थे लोगों पर अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने गोलियां बरसाने के आदेश दिए थे। वहीं, वियतनाम युद्ध के दौरान 16 मार्च, 1998 को अमेरिकी फौज माई लाई गांव में दाखिल हुई और निहत्थे ग्रामीण लोगों को गोलियों से भून डाला था।
गौरतलब है कि शनिवार को पुलवामा जिले के खारपुरा सर्नू गांव में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान स्थानीय नागरिक प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान नागरिकों को हटाने के लिए कथित तौर पर सुरक्षा बलों को गोलीबारी करनी पड़ी। जिसमें 7 नागरिक मारे गए। हालांकि, मुठभेड़ में भारतीय सेना ने 3 आतंकियों को ढेर कर दिया और एक सेना का जवान शहीद हो गया था। मारे गए नागरिकों के विरोध में कश्मीर के तमाम अलगाववादी दलों ने विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया। वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी शनिवार को हुई घटना की निंदा की और इसे नरसंहार करा दिया।
इस पूरे मामले पर पुलिस ने दुख जताया है। लेकिन, उसका कहना है कि लोग जान-बूझकर मुठभेड़ वाली जगह के करीब पहुंच गए और सुरक्षा बलों की गाड़ियों पर चढ़ गए। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से भीड़ को तीतर-बीतर करने की कोशिश की गई जिसमें नागरिक मारे गए।