जेएनयू हिंसा में तथ्यों की जांच के लिए कांग्रेस ने एक फैक्ट फाइंडिंग समिति का गठन किया था। अब उस समिति ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को सौंप दी है। खबर है कि इस रिपोर्ट में समिति ने जेएनयू हिंसा को सरकार प्रायोजित करार दिया है और जेएनयू वीसी को उनके पद से हटाने की बात कही है और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की बात कही है। बता दें कि कांग्रेस की इस फैक्ट फाइंडिंग समिति में 4 लोग शामिल थे।
इस समिति में शामिल कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने बताया कि “समिति के सुझाव के मुताबिक जेएनयू वीसी जगदीश कुमार को उनके पद से तुरंत बर्खास्त किया जाए और उनके कार्यकाल में की गई नियुक्तियां और प्रशासनिक फैसलों की जांच होनी चाहिए।” समिति की रिपोर्ट में “वीसी, यूनिवर्सिटी में सुरक्षा मुहैया कराने वाली सिक्योरिटी कंपनी और कैंपस में हमले की साजिश रचने वाले फैकल्टी मेंबर्स के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर जांच का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही सिक्योरिटी कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट को भी खत्म करने की बात कही गई है।”
सुष्मिता देव ने कहा कि यह बात साफ है कि जेएनयू की हिंसा सरकार प्रायोजित थी। कांग्रेस समिति ने जेएनयू में फीस वृद्धि को भी वापस लेने की बात कही। कांग्रेस की इस समिति में सुष्मिता देव के अलावा सांसद और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष हीबी इडेन, जेएनयू में एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद सैयद नसीर हुसैन, दिल्ली यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई की अध्यक्ष अमृता धवन भी शामिल थीं।
कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह रिपोर्ट सौंप दी गई है। जल्द ही राहुल गांधी भी इस रिपोर्ट को देखेंगे। बता दें कि बीती 5 जनवरी को जेएनयू कैंपस में हिंसा की घटना हुई थी। इस दौरान कुछ नकाबपोश लोगों ने कैंपस में घुसकर छात्रों की पिटाई की थी। इस हिंसा में कई छात्र गंभीर रूप से घायल हुए थे। घायलों में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल थीं। लेफ्ट विंग के छात्रों ने हिंसा का आरोप आरएसएस की छात्र ईकाई एबीवीपी पर मढ़ा था। वहीं एबीवीपी ने हिंसा का आरोप लेफ्ट विंग के छात्रों पर लगाया था। फिलहाल दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है।