JNU violence: जेएनयू में रविवार को हुए बवाल और हिंसा के खिलाफ देशभर में आवाजें उठ रही हैं। कई लोगों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में रात के अंधेरे में अराजकता और तोड़फोड़ करने और छात्रों के बीच मारपीट की कड़े शब्दों में निंदा की है। आम लोगों के साथ-साथ बॉलीवुड हस्तियों ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए नाराजगी व्यक्त की है। फिल्म अभिनेता अनिल कपूर समेत कई लोगों ने घटना को दुखद बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की है।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग :मुंबई के एक सिनेमाघर में मलंग फिल्म के ट्रेलर लांच इवेंट के मौके पर जेएनयू हिंसा पर भी कलाकारों ने अपनी बातें कहीं। इवेंट में मौजूद सभी कलाकारों ने एक सुर में इसकी निंदा की। बॉलीवुड एक्टर अनिल कपूर ने जेएनयू हिंसा पर कहा, “इसकी कड़ी निंदा होनी चाहिए। जो कुछ मैंने देखा, वह बहुत दुखद और धक्का देने वाली है। यह बहुत परेशान करने वाली है। इसके बारे में सोचकर मैं पूरी रात सो नहीं सका। हिंसा से हमें कुछ नहीं मिलने वाला है और वे जिन्होंने ऐसा किया है, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”
Bollywood actor Anil Kapoor on #JNUViolence: It has to be condemned. It was quite sad & shocking what I saw, it was very disturbing. I could not sleep the whole night thinking about it. Violence is not going to get us anything and those who have done it should be punished. pic.twitter.com/YHAWWnzKid
— ANI (@ANI) January 6, 2020
कहा कैंपस में हिंसा की कोई जगह नहीं : फिल्म निर्माता भूषण कुमार, लव रंजन, आदित्य रॉय कपूर और दिशा पाटनी ने भी घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और गुस्सा जताया। सभी ने घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कलाकारों ने कहा कि विश्वविद्यालय जैसी जगह पर हिंसा की कोई जगह नहीं है। वहां लोग अपना कैरियर बनाने जाते हैं। हिंसा से छात्रों का भविष्य खराब होगा।
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने भी की घटना की आलोचना : जेएनयू की घटना पर मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने भी नाराजगी जताई है। संगठन का कहना है कि विरोध प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस का कंट्रोल न होना दुखद है। संगठन ने पुलिस की आलोचना की। अखिल भारतीय कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने एक बयान में कहा कि दिल्ली पुलिस छात्रों पर भीड़ के बर्बर हमले की शर्मनाक मूकदर्शक बनी रही। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य में विफल रहे, यह शर्मनाक है।