जेएनयू केस के पीछे मानव संसाधन विकास मंत्री और गृह मंत्री का हाथ होने के कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि यह ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ जैसी बात है। भगवा पार्टी ने कहा कि बार-बार झूठ बोलकर सचाई छिपाई नहीं जा सकती और पुलिस जांच में सब सच्चाई बाहर आएगी एवं नकाबपोश बेनकाब होंगे। बीजेपी ने गुरुवार (09 जनवरी) को यह जवाब दिया है। बता दें कि जेएनयू को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय विरोध और हिंसा का एक नया जगह बन गया है।
बीजेपी ने किया कांग्रेस पर पलटवारः भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस के नेताओं का यह कहना कि जेएनयू में हिंसा सरकार एवं मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा प्रायोजित है…. उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसा है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि नकाब पहनकर 2 तारीख को और फिर 5 तारीख को भी सर्वर रूम तोड़ा गया है। यह जो काम हुआ है, काम करे कोई और शोर करे कोई।
कांग्रेस ने लगाया बीजेपी पर ‘गुंडागर्दी’ का आरोपः मामले में जावड़ेकर ने कहा, ‘यह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसी बात है। यही कांग्रेस की आज प्रेस कांफ्रेंस दर्शाती है।’ गौरतलब है कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘जेएनयू की घटना के पीछे मानव संसाधन विकास मंत्री और गृह मंत्री दोनों शामिल हैं। यह आधिकारिक रूप से प्रायोजित गुंडागर्दी थी।’ उन्होंने आरोप लगाया कि एक महिला प्राध्यापिका की पिटाई की गई, क्योंकि वो छात्र रजिस्ट्रेशन का कार्यक्रम चला रही है और अनेक वार्डन के घर जाकर उन पर दबाव बनाकर उनसे इस्तीफा लिखवाया जाता है।
बीजेपी ने जेएनयू छात्र संघ को घेराः इस पर भाजपा नेता ने कहा, ‘ये गुंडागर्दी नहीं है तो क्या है?’ जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि छात्र उनकी (छात्र संघ) नहीं सुन रहे थे क्योंकि छात्र वहां पढ़ने के लिए आए थे, इससे चिढ़े हुए आंदोलनकारी नकाब पहन कर सर्वर रूम में जाकर तोड़फोड़ करते हैं, ताकि ये प्रक्रिया रुके और रजिस्ट्रेशन करा रहे छात्रों को पीटा गया।
जेएनयू में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया है चालूः इस पूरे विवाद पर जावड़ेकर ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 1 जनवरी को शुरू हुई। 1 जनवरी को 1,100 छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसका बहिष्कार वाम और कांग्रेस के छात्र संगठनों ने किया था। बता दें कि फीस बढ़ौत्तरी मामले के बाद जेएनयू के मुद्दे पर आय दिन कुछ ना कुछ विवाद होता रहा है।