जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रामनवमी (Ram Navami) पर मांस परोसा जाना कोई मसला नहीं था। असल मुद्दा रामनवमी की पूजा भंग करना था। यह दावा करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने लेफ्ट संगठनों पर आरोप लगाया है।

एबीवीपी नेता उमेश ने एक हिंदी चैनल से कहा- नॉन-वेज को जो मुद्दा बनाया जा रहा है, वह असल में है ही नहीं। असल मुद्दा रामनवमी की पूजा और हवन कार्यक्रम था। वे उसे रोकने के लिए आए थे। उनका हिंदू त्यौहारों पर हमला करने का एजेंडा था। कल जो हमला हुआ है, वह एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर हुआ। हमारे 15 लोग जख्मी हुए। हम उन्हें पहले अस्पताल ले गए, क्योंकि उन्हें बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। हम अभी थोड़ी देर पहले पुलिस के पास भी पहुंचे।

आगे यह पूछे जाने पर कि क्या यह सही है कि आपने नॉन-वेज सर्व नहीं होने दिया? एबीवीपी नेता ने दो टूक जवाब दिया- यह सरासर झूठ है। यह कोई मुद्दा ही नहीं था।

उधर, जेएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष और पीएचडी स्टूडेंट सारिका ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “नॉन-वेज खाने पर बैन के उनके प्रयास का विरोध करने पर एबीवीपी ने जमकर हंगामा काटा था, जिसमें 50 से 60 लोग घायल हुए।”

जेएनयूएसयू का कहना है कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने छात्रों को रॉड, गुलदस्तों से पीटा। हमले के दौरान दो गार्ड भी जख्मी हुए। शाम को ही पुलिस को संभावित हिंसा की सूचना देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। हिंसा होने पर भी हमें पुलिस के सामने धमकाया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया।

छात्र संघ के बयान के मुताबिक, “हम वसंत कुंज एसीपी से भी मिले, जिन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया था, पर कुछ न हुआ। न किसी की गिरफ्तारी हुई…वे हमें केवल आश्वासन दे रहे हैं, कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यहां तक ​​कि जेएनयू प्रशासन ने भी अभी तक एक बयान में घटना की निंदा नहीं की है। इस मसले को लेकर लेफ्ट विंग के छात्र बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

NSUI नेता ने बताई कुछ और कहानीः कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के महासचिव मसूद रजा ने मीडिया को बताया- हम घटना की निंदा करते हैं। जिन्होंने कल के मुद्दे को धार्मिक रंग देने की कोशिश की, उन्हें हम बताना चाहते हैं कि इफ्तार, हवन या रामनवमी की पूजा मुद्दा नहीं था। बवाल इसलिए हुआ कि नॉन-वेज बनेगा या नहीं। हिंसा हुई है और दोनों गुटों की ओर से हुई है। एक-दूजे के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। पथराव किया गया। ट्यूबलाइट से सिर फोड़े गए।

‘खुन्नस निकालने को हिंसा की विवि में कोई जगह नहीं’: इस बीच, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने झड़प की निंदा की है। रविवार देर रात एक बयान में इसके साथ ही कुलपति से केस में दखल की मांग की। बयान के मुताबिक, ‘‘जेएनयूटीए किसी भी ग्रुप के खाने की पसंद को दूसरों पर थोपने के किसी भी प्रयास की निंदा करता है। मतभेद की खुन्नस निकालने लिए हिंसा के इस्तेमाल का विश्वविद्यालय समुदाय में कोई स्थान नहीं है।’’

बवाल पर क्या बोला JNU प्रशासन?: इस बीच, जेएनयू प्रशासन की ओर से कहा गया, “विवि कैंपस में हिंसा बर्दाशत नहीं करेगा। हमने छात्रों से शांति-सौहार्द बनाने की अपील की है। स्टूडेंट्स को कैंपस में शांति-सद्भाव को प्रभावित करने वाली घटनाओं में शामिल होने से बचने के लिए आगाह किया गया है।”

कैंपस में सुरक्षा चाक-चौबंद, आईसा स्टूडेंट्स हिरासत में: उधर, जेएनयू में झड़प के बाद शांति बहाली के लिए सोमवार को सुरक्षा कड़ी कर दी गई। फिलहाल कैंपस के बाहर ही पुलिस बल तैनात है, जबकि विवि के सुरक्षाकर्मी कैंपस में सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे हैं। सोमवार दोपहर आईसा (All India Students Association) कार्यकर्ता सरदार पटेल भवन के बाहर रविवार हुई हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें हिसारत में ले लिया गया।

बोले CPI सांसद- RSS जेएनयू में खेल बंद कर दे: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) सांसद बिनॉय विश्वम ने ट्वीट किया, ‘‘आरएसएस को जेएनयू में अपना यह खेल बंद कर देना चाहिए। ये हिंसक झड़प दिखाती है कि ऐसा जेएनयू के अद्वितीय चरित्र को प्रभावित करने के लिए किया गया। इस महान संस्थान की स्थापना भारतीय संस्कृति में निहित सिद्धांतों पर आधारित है। इसे कमजोर करने के किसी भी कदम का विरोध किया जाएगा। जेएनयू का पीछा छोड़ दें।’’

क्या है पूरा मामला?: जेएनयू कैंपस में यह मामला रामनवमी पर लेफ्ट और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच कावेरी हॉस्टल की ‘मेस’ में नॉन-वेज परोसने को लेकर हुई झड़प के बाद शुरू हुआ। हिंसा के कई कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए, जिनमें से एक में एक छात्र अख्तरिस्ता अंसारी के सिर से खून निकलता दिख रहा है। पर अधिकारियों ने इन वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है। पुलिस के मुताबिक, घटना में छह छात्र घायल हुए थे, जबकि सोमवार को पुलिस ने एबीवीपी के अज्ञात सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किया।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) मनोज सी. के अनुसार, जेएनयूएसयू, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), डीएसएफ और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्य छात्रों के एक समूह की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 341, 509, 506 और 34 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है।’’ अफसर बोले- एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने भी सूचित किया है कि वे भी मामले में शिकायत दर्ज कराएंगे। शिकायत मिलने पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।