जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शिक्षकों के एक वर्ग ने एक साल पुरानी रपट लीक कर नया विवाद पैदा कर दिया है। जेएनयू के 11 प्रोफेसर की ओर से तैयार की गई इस रिपोर्ट का हवाला देकर शिक्षकों ने संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि कैंपस में पैसे, सेक्स और शराब के चक्कर में नवांगतुक छात्र फंस रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया है कहा कि इस रैकेट में कुछ सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक जेएनयू के 11 शिक्षकों के एक समूह ने 200 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें विश्वविद्यालय को ‘सेक्स रैकेट चलाने वालों का अड्डा’ बताया गया है। यह दस्तावेज 2015 में तैयार गया था, लेकिन इसे कुछ पत्रकारों को हाल में जारी किया गया है। उन्होंने दावा किया कि यह रिपोर्ट जेएनयू प्रशासन को सौंपी जा चुकी है।
एक शिक्षक अमिता सिंह ने कहा कि एक हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं पर शराब पीने और दूसरी अनैतिक गतिविधियों के लिए 2 हजार से लेकर 5 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा चुका है। हॉस्टल के गेटों पर कोई भी शराब की बोतलें देख सकता है। हॉस्टल की मेस में सेक्स वर्करों का आना आम है। इस डॉजियर का टाइटल ‘जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी: द डेन ऑफ सेशेनिज्म एंड टेररिज्म’ है। इसे तैयार करने में स्पेशल सेंटर फॉर संस्कृत स्टडी के असिस्टेंट प्रोफेसर हरिराम मिश्रा भी शामिल थे।
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प्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि यह डॉजियर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए तैयार किया गया है। यूनिवर्सिटी में वामपंथी दूसरे लोगों को फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर डराते हैं। जेएनयू में मेधावी छात्रों पर वामपंथी छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है।