Jharkhand News: झारखंड में पिछले 5 साल से कांग्रेस के साथ गठबंधन की सरकार चला रही जेएमएम ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर राज्य में JMM सम्मान योजना’ को लागू करने की अनुमति मांगी है। इस योजना के तहत पार्टी वंचित महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की सौगात देने की प्लान बना रही है। सरकार का यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी ने महिलाओं को लेकर बड़े ऐलान किए हैं।
दरअसल, बीजेपी ने राज्य की महिलाओं से वादा किया है कि अगर राज्य में बीजेपी सत्ता में आती है तो उन्हें हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। इसके लिए बीजेपी फॉर्म भरवाना तक शुरू कर चुकी है। विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए जेएमएम और बीजेपी के बीच खींचतान की स्थिति है। विपक्षी दल बीजेपी राज्य की 1.26 करोड़ महिलाओं को लुभाने के लिए जुटी हुई है, जिसके जवाब में JMM ने कदम उठाया है।
अगस्त में हेमंत सोरेन ने लॉन्च की थी योजना
महिलाओं को लुभाने के इस सियासी खेल की शुरुआत तब हुई, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना (एमएमएसवाई) की शुरुआत की थी, जिसके तहत सरकार ने 18-50 आयु वर्ग की सभी वंचित महिलाओं को 1,000 रुपये देना शुरू किया था। राज्य सरकार अब तक लाभार्थियों को तीन किस्तें दे चुकी है लेकिन बीजेपी का आरोप है कि सरकार ने 2000 रुपये देने का वादा किया था और यह योजना सरकार बनने के तुरंत बाद नहीं बल्कि चुनाव शुरू होने से ठीक पहले लागू की गई है।
बीजेपी ने किया था 2100 देने का वादा
बता दें कि पिछले हफ़्ते बीजेपी ने पांच संकल्प पेश किए थे और वादा किया था कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार बनती है, तो ये उन्हें लागू किया जाएगा। बीजेपी का वादा है कि राज्य की सभी वंचित महिलाओं को 2,100 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। भाजपा के पंचप्राण के बाद झामुमो ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग सो रहा है और जबकि बीजेपी नियमों का उल्लंघन कर रही है।
जेएमएम ने दिया चुनाव का हवाला
JMM ने चुनाव आयोग के उस प्रेस नोट का हवाला दिया, जो कि 2 मई 2024 को शेयर किया गया था। इसमें कहा गया था कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा अपने “प्रस्तावित लाभार्थी योजनाओं” के लिए सर्वेक्षण के बहाने वोटर्स की डिटेल ले जाती है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स को नोटिस जारी कर सभी उपायुक्तों को चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ “सख्त कार्रवाई” करने का निर्देश दिया था।
इस मामले में सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि वे 2 मई को जारी चुनाव आयोग के निर्देश के उल्लंघन के बारे में चुनाव आयोग को पत्र लिखें।
इस मुद्दे पर भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने सरकार को इस मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की चुनौती दी है। राजनीतिक रूप से झामुमो और कांग्रेस को ऐसे पत्रों से कोई फायदा नहीं हो सकता, भले ही उन्हें भेजा गया हो।