झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद बुधवार को झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन का नाम नए मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया। मुख्यमंत्री आवास पर जुटे विधायकों ने चंपई सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुना। पार्टी प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि चंपई सोरेन के नाम पर आम सहमति बनी।

चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन के वफादार और राज्य के परिवहन मंत्री हैं। झारखंड में सत्तारूढ़ महागठबंधन के विधायकों को संबोधित एक पत्र में हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को झामुमो विधायक दल का सुप्रीमो घोषित किया। अब सवाल यह उठता है कि चंपई सोरेन को ही झारखंड के अगले मुख्यमंत्री के रूप में क्यों चुना गया? अपने उत्तराधिकारी को चुनने से पहले हेमंत सोरेन ने किन कारणों पर विचार किया?

शिबू सोरेन के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं चंपई

चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं लेकिन हेमंत सोरेन के उन पर भरोसे के पीछे यही एकमात्र कारण नहीं है। चंपई झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के करीबी माने जाते हैं। चंपई सोरेन झारखंड के कोल्हान क्षेत्र से हैं, जो बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इसके अलावा, झारखंड को अब तक कोल्हान से तीन मुख्यमंत्री मिले हैं, जिनमें से दो भाजपा से थे- अर्जुन मुंडा (2010 से 2013 तक) और रघुवर दास (2014 से 2019 तक)। झारखंड के दूसरे मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कांग्रेस से थे और 2006 से 2008 तक इस पद पर रहे।

मधु कोड़ा, हेमंत सोरेन के साथ झारखंड के उन तीन मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें घोटालों में गिरफ्तार किया गया था। 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कोल्हान में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। दरअसल, 13 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा। सबसे बड़ा झटका जमशेदपुर (पूर्व) सीट पर लगा जहां सरयू राय ने भाजपा के रघुवर दास को भारी अंतर से हरा दिया।

बीजेपी को हो सकता है नुकसान

मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान हेमंत सोरेन को ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिली है। चंपई सोरेन को अपना उत्तराधिकारी चुनना बीजेपी को खत्म करने के लिए एक तुरुप का इक्का माना जा रहा है। ‘कोल्हान के टाइगर’ कहे जाने वाले चंपई सोरेन को झारखंड का नया मुख्यमंत्री बनाने से इस साल के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता चंपई सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह राज्य में नयी सरकार बनाने के लिए राजभवन से निमंत्रण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्हें 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरायकेला विधानसभा सीट से 1991 से तीन से अधिक दशक से विधायक चंपई सोरेन को झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन का नजदीकी माना जाता है। झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंग्गोरा गांव में नवंबर 1956 में जन्मे चंपई सोरेन मैट्रिक पास और सात बच्चों के पिता हैं। वह एक किसान के बेटे हैं और वह हेमंत सोरेन परिवार के रिश्तेदार नहीं हैं।