PDP चीफ और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का दावा है कि वह फिर से हिरासत में ले ली गई हैं। शुक्रवार को उन्होंने बताया कि दो दिनों से वह पुलवामा नहीं जा पाई हैं, जबकि उनकी बेटी भी हाउस अरेस्ट है।
महबूबा ने इस बारे में ट्वीट कर बताया, “मैं फिर से अवैध रूप से हिरासत में ले ली गई हूं। दो दिनों से मैं पार्टी नेता वहीद-उर-रहमान के परिवार से मिलने पुलवामा नहीं जा सकी हूं। ऐसा इसलिए, क्योंकि जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने मुझे अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। उन्हें बेबुनियाद आरोपों को लेकर अरेस्ट कर लिया गया था। भाजपा के मंत्रियों और उनकी कठपुतलियों को कश्मीर में हर जगह आने-जाने की अनुमति है लेकिन मेरे मामले में सुरक्षा संबंधी समस्या उत्पन्न हो जाती है।”
Ive been illegally detained yet again. Since two days, J&K admin has refused to allow me to visit @parawahid’s family in Pulwama. BJP Ministers & their puppets are allowed to move around in every corner of Kashmir but security is a problem only in my case. pic.twitter.com/U5KlWzW3FQ
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 27, 2020
बकौल महबूबा, ‘‘अत्याचार की कोई सीमा नहीं है। वहीद को निराधार आरोपों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया और मुझे उसके परिवार को सांत्वना देने के लिए मिलने नहीं दिया जा रहा। यहां तक कि मेरी बेटी इल्तिजा को भी घर में नजरबंद कर दिया गया है क्याोंकि वह भी वहीद के परिवार से मिलना चाहती है।’’
मुफ्ती के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए एक संवादपत्र के अनुसार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और निदेशक विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) एस. डी. सिंह ने पुलवामा जिला पुलिस की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री की नैरा की प्रस्तावित यात्रा को जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद (डीडीसी) के 28 नवम्बर को होने वाले चुनाव का हवाला देते हुए पुनर्निर्धारण की मांग की है।
पर्रा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस सप्ताह गिरफ्तार कर लिया था। ‘पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’ (पीडीपी) की प्रमुख ने कहा था कि वह शुक्रवार को ‘‘विभिन्न मुद्दों’’ पर एक संवाददाता सम्मेलन करेंगी।
‘सरकार स्वतंत्रता ऐसे दे रही है, जैसे उपकार कर रही हो’: इसी बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है जैसे किसी पर कोई उपकार कर रही हो, और अपनी मर्जी से इसे किसी को दे रही है और छीन रही है। साथ ही कहा कि न्यायपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं है। बता दें कि पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को ईद-मिलाद-उन-नबी पर हजरतबल दरगाह पर जाने से रोका गया था।
अब्दुल्ला का यह बयान पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती को कथित तौर पर नजरबंद किए जाने पर आया है। अब्दुल्ला ने ट्वीट किया,‘‘ बाधा खड़ी करना इस प्रशासन की नयी मानक संचालन प्रक्रिया है। उन्होंने मेरे पिता को प्रार्थना करने से रोकने के लिए हाल ही में ऐसा किया था। सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है जैसे कोई उपकार कर रही हो, और अपनी मर्जी से इसे किसी को दे रही है और किसी से छीन रही है और न्यायपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं है।’’ (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)