पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल और पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के मामा समेत पीडीपी के दो सदस्यों को ‘‘अनौपचारिक रूप से’’ कहा गया है कि वे अपने आवासों से बाहर नहीं निकलें। इस मामले से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी।

2010 बैच के आईएएस अधिकारी रहे फैसल, मुफ्ती के मामा सरताज मदनी और मुख्यमंत्री रहने के दौरान मुफ्ती के राजनीतिक सलाहकार रहे पीर मंसूर के खिलाफ इस सप्ताह की शुरुआत में पीएसए हटाए जाने के बाद उन्हें हिरासत से रिहा कर दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिहा किए जाने के बाद उन्हें उनके आधिकारिक आवासों में भेज दिया था।

हालांकि, सूत्रों ने बताया कि उन्हें अनौपचारिक रूप से कहा गया है कि वे अपने घरों से बाहर नहीं निकलें और उनके आवासों के बाहर एक-एक पुलिसकर्मी भी तैनात किया गया है।

मदनी ने ‘पीटीआई- भाषा’ से फोन पर कहा कि वह इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं हैं कि उन्हें नजरबंद किया गया है या नहीं, लेकिन उन्हें दक्षिण कश्मीर के बीजबेहरा में अपने पैतृक गांव से बाहर जाने की अनुमति नहीं है। मंसूर और फैसल से इस संबंध में प्रतिक्रिया लेने के प्रयास किए गए, लेकिन उनसे फोन पर संपर्क नहीं हो पाया।

मदनी, मंसूर और फैसल उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें शुरूआत में एहतियातन हिरासत में लिया गया था और बाद में पांच अगस्त 2019 के घटनाक्रम के बाद उनके खिलाफ पीएसए लगा दिया गया था।

बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों — लद्दाख तथा जम्मू कश्मीर — में विभाजित कर दिया था।

एक नजर में जानें फैसल कोः शाह फैसल ने नौ फरवरी को तब पूरे देश में सुर्खियां बंटोरी थीं, जब उन्होंने Jammu and Kashmir State Power Development Corporation के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था। 35 वर्षीय फैसल ने साल 2010 में आईएएस परीक्षा में टॉप किया था। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित सोगाम गांव में जन्में फैसल के पिता शिक्षक थे, जिन्हें 2002 में चरमपंथियों ने मार गिराया था। उर्दू में एमए के साथ एमबीबीएस पास फैसल ने इसके नौ साल बाद आईएएस की परीक्षा दी, जिसमें वह सर्वाधिक अंक लाए थे।