गुरुग्राम में खुले में नमाज अदा करने के दौरान मुस्लिमों के विरोध पर हरियाणा सीएम का बयान उमर अब्दुल्ला को रास नहीं आया है। अब्दुल्ला ने कहा कि यह वह भारत नहीं है, जिसमें जम्मू-कश्मीर का विलय हुआ था। उनकी आपत्ति इस बात को लेकर भी थी कि केवल एक धर्म को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। अगर ये नीति सभी के लिए होती तो कोई बात नहीं थी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह निर्णय गलत है और इसका मतलब साफ है कि एक धर्म विशेष को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी धर्म को मानने की पूरी स्वतंत्रता है। अब्दुल्ला ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री का बयान और उनका निर्णय पूरी तरह गलत है।
उन्होंने कहा कि वह इसे स्वीकार कर लेते अगर यह प्रतिबंध हर धर्म पर लागू होता। लेकिन इस बयान से स्पष्ट है कि एक धर्म विशेष को निशाना बनाया गया है, जिसकी देश के संविधान में अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर धर्मनिरपेक्ष, सहिष्णु भारत में शामिल हुआ था। खट्टर का बयान काफी निंदनीय है। यह पूछने पर कि क्या गुपकर गठबंधन एकजुट है तो अब्दुल्ला ने कहा कि यह एकजुट है। संघर्ष जारी रहेगा।
सोशल मीडिया पर अब्दुल्ला के बयान पर एक यूजर ने कहा कि आप लोगों ने तो पूरी कश्मीरी पंडित को ही वहां से भगा दिया और आप तो बात नहीं करो तो अच्छा है। एक ने लिखा कि दूसरे किसी धर्म के लोग साप्ताहिक प्रार्थना खुले में नहीं करते। केवल एक धर्म के लोग पब्लिक प्रापर्टी पर कब्जा करके अपनी धौंस जमाते हैं। नमाज पढ़नी है तो अपने घर पर पढ़ो या फिर मस्जिद में जाओ।
It would have been fine if this restriction was on every religion but policy of pick & choose shows a particular religion is on target. J&K didn't merge with this India: Former CM Omar Abdullah on Haryana CM's remark that "offering namaz in public spaces will not be tolerated" pic.twitter.com/QhA8b0XvrD
— ANI (@ANI) December 12, 2021
गौरतलब है कि सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कोई अगर अपनी जगह पर नमाज पढ़ता है, पाठ पढ़ता है उसमें हमें कोई दिक़्क़त नहीं है। खुले में ऐसे कार्यक्रम नहीं होने चाहिए। नमाज पढ़ने की जो प्रथा यहां खुले में हुई है, ये कतई भी सहन नहीं की जाएगी। दरअसल आज हिंदू संगठनों ने गुरुग्राम के सेक्टर-37 में खुले में नमाज का विरोध किया।