850 मेगावाट हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के काम में भाजपा विधायक के दखल देने के मामले में बात करते हुए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि अगर उनके किसी मंत्री ने अगर ऐसी हरकत की होती तो अब तक उसके घर एंटी करप्शन विभाग का छापा पड़ चुका होता।

रिपोर्टरों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में सख्ती से एक्शन लेना चाहिए। ऐसे कामों में किसी की भी दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। इसीलिए हमने पहले की कहा था कि चुनी हुई सरकार को ऐसे विभाग सौंप देने चाहिए। मैं ऊर्जा मंत्री हूं लेकिन जम्मू कश्मीर पॉवर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन अभी तक हमें नहीं सौंपा गया।

शीर्ष अधिकारी ने लगाए थे गंभीर आरोप

जानकारी दे दें कि पिछले हफ्ते हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग और इंफ्रास्टक्चर लिमिटेड के एक शीर्ष अधिकारी ने कामकाज में स्थानीय विधायक शगुन परिहार द्वारा दखल देने का आरोप लगाया था। साथ ही चेतावनी भी दी थी कि अगर ऐसी रोकटोक होती रही तो कंपनी किश्तवाड़ जिले की परियोजना से अपने पैर पीछे खींच लेगी।

विधायक ने बताया साजिश

एमईआईएल के चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी और रेटल हाईडल पॉवर परियोजना के इंचार्ज ने कहा कि 3700 करोड़ का प्रोजेक्ट सितंबर 2026 का पूरा होना था लेकिन अब इसमें दो साल की और देरी हो रही है। हालांकि विधायक परिहार ने इन आरोपों को गैरजिम्मदाराना और अप्रासंगिक बताते हुए सिरे से नकार दिया और कहा कि यह एक महिला विधायक को बदनाम करने की साजिश है जिससे कंपनी की अक्षमता छिप सके।

विपक्ष नेता से की ये मांग

सोमवार को बात करते हुए मुख्यमंत्री उमर ने कहा कि इस परियोजना का राष्ट्रीय महत्व है, इसलिए इसमें किसी की भी दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। मुझे पता है कि आप जानते हैं कि ऐसे आरोप अगर हमारे किसी मंत्री पर लगते तो अब तक एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) उस पर छापे मार देती। यह परियोजना न सिर्फ जम्मू कश्मीर के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए है। एजेंसियों को इस मामले की ओर ध्यान देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि चूंकि आरोप किश्तवाड़ के भाजपा विधायक परिहार के खिलाफ लगे हैं ऐसे में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा को भी मामले दखल देना चाहिए।

यह भी पढ़ें: ‘वोट चोरी कांग्रेस का मुद्दा है, इंडिया गठबंधन का नहीं…’, उमर अब्दुल्ला ने राहुल गांधी के बीजेपी पर लगाए आरोपों से झाड़ा पल्ला