लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर दौरे पर थे। जहां राहुल और खड़गे की मुलाकात नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से हुई। फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान किया। हालांकि गठबंधन के बाद कांग्रेस में सीटों को लेकर कलह शुरू हो गई है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार जम्मू इलाके की कुछ सीटों को कांग्रेस के खाते में रखना चाहिए। बीते लोकसभा चुनाव में तथा 10 साल पहले हुए जम्मू-कश्मीर पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने भाजपा को अच्छी टक्कर दी थी।

इन सीटों के लेकर है विरोध

नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन के बाद ही कांग्रेस पार्टी के भीतर विरोध शुरू हो गया है। जानकारी के अनुसार नेशनल कांफ्रेंस भी जम्मू संभाग की 10 से अधिक सीटों को लेकर दावेदारी कर रही है। जिसका जम्मू संभाग के कांग्रेसी नेताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस की माने तो नेकां ने जम्मू की नगरोटा, रैपर दोमाना, विजयपुर, नौशेरा, सुंदरबनी, चिनाब वैली आदि सीटों की मांग की है। जिसको लेकर कांग्रेस के लोकल नेता विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस दे सकती है कड़ी टक्कर

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने गठबंधन को लेकर कहा कि हाल ही में बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जम्मू संभाग में अच्छा प्रदर्शन किया है। वर्तमान समय में कांग्रेस इलाके की कई सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकती है। लेकिन नेशनल कांफ्रेंस इन्हीं सीटों पर दावा कर रही है। नौशेरा-सुंदरबनी सीट रिफ्यूजियों की है। जिसका कांग्रेस पार्टी समर्थन करती है। ऐसी सीट पर नेकां का उम्मीदवार उतारना कांग्रेस के लिए सही नहीं होगा। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और डीपीएपी प्रमुख गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेता गुलाब अहमद मीर ने अपनी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान मीर ने कहा कि जो भी भाजपा के विरोध में लड़ने को तैयार है उनके साथ मिलकर कांग्रेस काम कर सकती है।

धारा 370 के बाद पहली बार चुनाव

जम्मू कश्मीर में करीब 10 साल बाद राज्य विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। इसको लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। साल 2019 मे धारा 370 की केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया था। जिसके बाद पहली बार जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं।